अगर आप भी फल-सब्जी और मसाले बाजार में खरीदने की बजाय घर में उगाते हैं या उगाने का मन बना लिया है तो ये खबर आपके काम की है. आप जानते होंगे कि किसी भी पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए पानी और खाद की जरूरत होती है. होम गार्डनिंग करने वाले लोगों को हमेशा ऑर्गेनिक खाद इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. केमिकल की बजाय ऑर्गेनिक खाद से उगाए गए उत्पादों की गुणवत्ता अधिक बेहतर बताई जाती है. पौधों में डालने के लिए ऑर्गेनिक खादें बाजारों में उपलब्ध होती हैं लेकिन वे सभी खादें इतनी भरोसेमंद नहीं होती हैं. आज आपको 4 ऐसी खादों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप घर में बहुत ही आसानी से बना सकते हैं.
अगर आप बागवानी या गमलों में फल-सब्जी, फूल या मसालों के पौधे लगा रखे हैं तो उसमें जैविक खादों का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे ना सिर्फ पौधों की अच्छी ग्रोथ होगी बल्कि उसके उत्पादों की क्वालिटी में भी इजाफा देखने को मिलेगा. ये हमारी हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद है. घर में बनाई जाने वाली खादों के बारे में जान लेते हैं.
कोकोपीट खाद के बहुत से फायदे हैं. ये मिट्टी की जलधारण क्षमता को बढ़ाती है, मिट्टी में लगने वाले फंगस को दूर कर उसकी गुणवत्ता को बढ़ाती है. कोकोपीट को आप नारियल के छिलकों की मदद से बना सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले नारियल के छिलके इकट्ठा कीजिए और इन छिलकों को टुकड़ों में काट लीजिए. इन टुकड़ों को मिक्सर ग्राइंडर में पीसकर पाउडर बना लीजिए और बारीक पाउडर को दोगुना पानी में 24 घंटे तक भिगोकर रखें. 24 घंटे बाद इस्तेमाल करें. चाहे तो स्टोर भी कर सकते हैं.
गोबर की खाद का इस्तेमाल और फायदे तो आपने पहले से सुने होंगे लेकिन इसे बनाने का तरीका शायद आप नहीं जानते होंगे. आपको बता दें कि आप बहुत ही आसानी से घर पर गोबर की खाद बना सकते हैं. इसके लिए आपको 1 किलो गोबर, एक लीटर गो मूत्र, 200 ग्राम गुड़ और इतना ही बेसन लें और लगभग 2 लीटर पानी के साथ घोल कर किसी छांव वाले स्थान में रख दीजिए. अब 8-10 दिनों तक रोजाना डंडे की मदद से 5 मिनट चला दें. 10 दिन बाद खाद तैयार हो जाएगी.
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चाय पत्ती की खाद होम गार्डन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस की मात्रा होती है जो किसी भी पौधे की ग्रोथ को रफ्तार देने का काम करते हैं. चाय पत्ती की खाद बनाने के लिए चाय छानने के बाद बची हुई चायपत्ती को छानने के बाद अच्छी तरह धोकर सुखा लीजिए. अब इस पत्ती को उबालकर इस्तेमाल करें. ध्यान रहे चाय पत्ती की खाद को सीमित मात्रा में ही इस्तेमाल करें, अधिक यूज करने पर पौधे झुलस सकते हैं.
हम ऊपर बता चुके हैं कि केमिकल खादों के मुकाबले जैविक खाद के इस्तेमाल से उगाए गए फल-सब्जी और मसालों की गुणवत्ता बेहतर होती है. इतना ही नहीं इससे वातावरण और पर्यावरण को भी काफी फायदा होता है. केमिकल खाद के इस्तेमाल से मिट्टी की हेल्थ खराब होती है जिसका कारण भूमिगत जल और हवा में भी देखा जाता है. जैविक खादों से मिट्टी के साथ ही हवा और पानी को भी फायदा मिलता है.
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