उत्तर प्रदेश में नेडा (Non-Conventional Energy Development Agency) ने किसानों के नलकूप के लिए किसान उत्कर्ष सुरक्षा एवं उत्थान योजना शुरू की है. इस योजना से किसान सीधे विधुत विभाग को अतिरिक्त बिजली बेंच सकेंगे. इस योजना में किसान के नलकूपों पर सोलर पावर ग्रिड लगाए जाएंगे जिस पर नेडा किसानों को 90 फ़ीसदी तक अनुदान देगा. एडीओ कृषि नौबहार सिंह ने बताया कि 90 फ़ीसदी अनुदान के अलावा किसानों को विधुत विभाग सोलर ग्रिड प्लांट जरूरत से अधिक बिजली बनने पर प्रति यूनिट ₹3.58 पैसे यूनिट की दर से भुगतान भी करेगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को परियोजना अधिकारी कार्यालय में अपना आवेदन पंजीकरण कराना होगा.
किसानों के लिए नेडा के द्वारा शुरू की गई किसान उत्कर्ष एवं सुरक्षा उत्थान योजना एक महत्वपूर्ण स्कीम है. इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा. किसान इस योजना के माध्यम से जहां सौर ऊर्जा के माध्यम से अपने खेतों की मुफ्त में सिंचाई कर सकेंगे. वहीं दूसरी तरफ सिंचाई के बाद सोलर पावर ग्रिड के माध्यम से पैदा होने वाली बिजली से कमाई भी होगी. इस बिजली को उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन खरीदेगा जिसके लिए ₹3.58 पैसे प्रति यूनिट की दर भी निर्धारित की गई है. किसान इस योजना के लिए काफी उत्साहित है. वही सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह योजना काफी उपयोगी है.
किसानों को इस योजना का लाभ लेने के लिए जनपद के परियोजना अधिकारी कार्यालय में अपना पंजीकरण कराना होगा. पहले आओ पहले पाओ योजना के अंतर्गत किसान इस योजना का लाभ मिल सकेगा. 5 हॉर्स पावर सोलर पावर ग्रिड का मूल्य ₹487500 है. वही किसानों को इसके लिए सिर्फ ₹48750 देने पड़ेंगे. वही 7.5 हॉर्स पावर सोलर पावर का मूल्य 728000 है. वही किसानों को इसके लिए मात्र 72800 ही जमा करने पड़ेंगे. किसान को इस योजना का लाभ लेने के लिए निजी नलकूप पर विधुत का कनेक्शन होना आवश्यक है. इस कनेक्शन को किसान अपने क्षेत्र के बिजली घर के जेई से प्रमाणित कराना भी आवश्यक है.
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किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए स्थाई एवं निरंतर आय का स्रोत बनेगी यह योजना. किसान उत्पादित ऊर्जा का उपयोग सिंचाई जरूरतों के लिए तो कर ही पाएंगे वही अतिरिक्त ऊर्जा बिजली वितरण कंपनियों को बेच भी सकेंगे जिससे किसानों को अतिरिक्त आय (Farmers income) प्राप्त होगी. इस योजना से कार्बन डाइऑक्साइड में कमी आएगी और वायुमंडल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस योजना से कृषि पंपों से डीजल की बचत होगी. इस योजना में रोजगार के प्रत्यक्ष अवसरों को सृजित करने की क्षमता है.
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