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Wheat: ऐसे करें मड़ाई तो नहीं टूटेंगे गेहूं के दाने, थ्रेशिंग में इन 10 बातों का ध्यान रखना जरूरी

Wheat: ऐसे करें मड़ाई तो नहीं टूटेंगे गेहूं के दाने, थ्रेशिंग में इन 10 बातों का ध्यान रखना जरूरी

आमतौर पर मड़ाई अनाज की नमी 15-17 प्रतिशत तक कम हो जाने के बाद की जाती है. वहीं अगर समय पर थ्रेशिंग नहीं की जाती है तो किसानों की ओर से किए गए सभी प्रयास और फसल बर्बाद हो जाते हैं. इसके अलावा कई लोग गेहूं की पारंपरिक तरीके से मड़ाई करवाते हैं.

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थ्रेसर मशीन थ्रेसर मशीन

रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की कटाई शुरू होने वाली है. हालांकि गेहूं की कटाई और उसके बाद थ्रेशर से उसके मड़ाई का काम कई राज्यों में इस समय जोरों पर है. ऐसे में किसानों के लिए ये जानना जरुरी हो जाता है कि कैसे मड़ाई करने पर गेहूं का दाना नहीं टूटेगा. वहीं आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर मड़ाई करते कैसे हैं? दरअसल बालियों या फली से दानों को अलग करने की प्रक्रिया को मड़ाई कहा जाता है. इसमें फसल की बालियों को पीटकर, तोड़कर या रगड़कर पौधे से अनाज को हटाया जाता है. हम आपको यहां थ्रेशिंग से जुड़ी 10 बातें बताएंगे जिन्हें ध्यान रखना जरूरी है. इन बातों का ध्यान रखने से गेहूं के दाने टूटने से बच सकते हैं.

किसान ऐसे करें मड़ाई

आमतौर पर मड़ाई अनाज की नमी 15-17 प्रतिशत तक कम हो जाने के बाद की जाती है. वहीं अगर समय पर थ्रेशिंग नहीं की जाती है तो किसानों की ओर से किए गए सभी प्रयास और फसल बर्बाद हो जाते हैं. इसके अलावा कई लोग गेहूं की पारंपरिक तरीके से मड़ाई करवाते हैं, जिसमें अधिक समय, मजदूर पैसे भी अधिक खर्च होते हैं. साथ ही यह विधि बहुत धीमी होती है और गेहूं के दानों के टूटने के खतरे अधिक रहते हैं. इससे किसानों के अनाज का नुकसान होता है जिससे उत्पादन में भी फर्क पड़ता है. ऐसे में किसानों को थ्रेशिंग विधि से ही अपने गेहूं के फसल की मड़ाई करवानी चाहिए. इससे बेहतर उत्पादन के साथ-साथ गेहूं के दाने बिल्कुल फ्रेश और बिना टूटे हुए होते हैं.

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इन 10 बातों का रखें ध्यान

1. सबसे पहले थ्रेशिंग मशीन को समतल जगह पर लगाना चाहिए.
2. मशीन की दिशा उस तरफ होनी चाहिए जिस दिशा में हवा चल रही हो.
3. मशीन को लगाने के बाद ये ध्यान दें कि मशीन की बियरिंग्स और अन्य पुर्जों में ग्रीस तेल लगा कर चिकना कर लें.
4. मशीन को लगाते समय यह ध्यान रखें कि फसल के साथ कोई लकड़ी या लोहे का टुकड़ा न हो .
5. जहां तक संभव हो मड़ाई करने से पहले फसल को अच्छी तरह से सुखाना जरूरी है.
6. किसान ये भी ध्यान दें कि मशीन के छेदों का समय-समय पर देखते हुए उसकी सफाई करें.
7. मड़ाई करते समय ऑपरेटर को मशीन में ज्यादा अंदर तक हाथ नहीं डालना चाहिए.
8. 8 से 10 घंटों तक मशीन को चलाने के बाद थोड़े समय के लिए बंद कर देना चाहिए.
9. सिलेंडर के स्पाइक, हैमर के घिस जाने पर उसको तुरंत बदलना चाहिए.
10. थ्रेशर में यदि दाना टूट रहा हो, तो सिलेंडर के चक्कर की संख्या प्रति मिनट कम कर देनी चाहिए.