भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहां पर 75 फीसदी से अधिक आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है. हालांकि, गांव में रहने वाले किसान खेती के साथ-साथ मछली पालन भी करते हैं. इससे उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है. ऐसे भी केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारें मछली पालन के लिए किसानों को समय-समय पर सब्सिडी देती हैं. यही वजह है कि मछली पालन धीरे-धरे व्यवसाय बनता जा रहा है. लेकिन आज हम एक ऐसे तकनीक के बारे में बात करेंगे, जिसे अपनाने पर मछली पालकों को पहले के मुकाबले ज्यादा कमाई होगी. बस इसके लिए उन्हें थोड़ी मेहनत करनी होगी.
दरअसल, इनकम बढ़ाने के लिए किसान मछली पालन के साथ- साथ पत्तख पालन भी कर सकते हैं. क्योंकि बत्तख को भी मछली की तरह तालाब में रहना पसंद है. इसलिए मछली पालन करने वाले किसानों को पत्तख के लिए अलग से तालाब नहीं बनवाना पड़ेगा. वे मछली पालन के साथ-साथ पत्तख पालन भी कर सकते हैं. इससे मछली और बत्तख दोनों को सहयोग मिलेगा और उत्पादन लागत में भी कमी आएगी. ऐसे भी बत्तखों को मछलियों के तालाब में रखने से उसकी सफाई हो जाती है. क्योंकि बत्तख गंदगी को खाते हैं और तालाब का ऑक्सीजन लेवल बनाए रखते हैं. इससे मछलियों को अच्छी ऑक्सीजन मिलती है और उनका विकास भी तेजी से होता है.
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इसके अलावा मछली और पत्तख का एक ही तालाब में पालन करने पर उत्पादन की लागत में कमी आती है. इस तरह किसान बत्तख के साथ मछली पालन करके बंपर कमाई कर सकते हैं. कहा जाता है कि मछली और पत्तख का एक साथ पालन करने पर मछलियों के आहार पर 75 प्रतिशत कम खर्च करने पड़ते हैं. जबकि, बत्तख के आहार पर 30 से 35 फीसदी कम खर्च होता है. यानी आप बत्तख पालन और मछली पालन करके एक ही तालाब में दोहरी कमाई कर सकते हैं.
ऐसे में आमतौर पर बत्तख जन्म के 24 सप्ताह के बाद अंडे देना शुरू कर देती हैं और 2 साल तक यह प्रक्रिया जारी रहती है. आप एक एकड़ तालाब में आसानी से 250 से 300 बत्तख पालन सकते हैं. वहीं, जानकारों का कहना है कि मछली पालन के साथ बत्तख पालन करना हो तो तालाब में मछली के स्पॉन नहीं डालने चाहिए, क्योंकि बत्तख उन्हें खा सकते हैं, इससे आपको नुकसान होगा. इसलिए एक एकड़ तालाब में 4 से 5 हज़ार फिंगरलिंग डालें.
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मछलियों को खाने के लिए किसानों को तालाब में धान की भूसी, सरसों की खली और मिनरल मिक्स्चर डालना चाहिए. इससे मछलियों का वजन तेजी से बढ़ता है. 6 से 9 महीने के अंदर एक किलो तक की मछलियां हो जाएंगी. अगर आप एक एकड़ के तालाब में मछली पालन करते हैं, तो 18-20 क्विंटल से उपर मछली का उत्पादन होगा.
वहीं, बत्तखों के लिए आप भोजन के रूप में घास बरसीम, जई, सब्जी का छिलका, धान की भूसी, मिनरल मिक्स्चर और बाज़ार में तैयार फीड दे सकते हैं. साढ़े 4 महीने में बत्तख अंडा देने लगेंगी. इस तरह आप मछली पालन से 5 से 6 लाख का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा बत्तख पालन से सालाना उनको 3 से 4 लाख रुपये तक मुनाफा होगा.
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