
आज के बदलते दौर के साथ खेती के स्वरूप और प्रारूप में भी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. किसान परंपरागत खेती के अलावा विदेशी फलों की खेती की ओर रुख कर रहे हैं. साथ ही समय से पहले खेती करने का रिस्क भी उठा रहे हैं. एक ऐसे ही सफल किसानों की श्रेणी में अपना स्थान बनाए हुए हैं मुन्ना सिंह. ये पिछले 3 सालों से ताइवानी तरबूज एवं खरबूजा बड़े स्तर पर उगा रहे हैं और परंपरागत से हटकर खेती करने वाले मुन्ना सिंह एक एकड़ में दो से तीन गुना कमाई कर रहे हैं.
कैमूर जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर डारिडीह के सिवान में करीब 20 एकड़ यानी 80 बीघा में मुन्ना सिंह ताईवान के तरबूज एवं खरबूजा उगा रहे हैं. जिले के ये पहले किसान हैं, जो इसकी बड़े स्तर पर खेती कर रहे हैं और अपने साथ कई अन्य किसानों को इस खेती की ओर मोड़ रहे हैं. आज करीब तीन से चार महीने में 50 से 60 लाख रुपये तक की कमाई कर लेते हैं.
अपने खेतों में पहली बार सीजन के एक महीने पहले ताईवान खरबूजा व तरबूज की फसल लगा चुके मुन्ना सिंह ने किसान तक बताया कि इस वर्ष अप्रैल की जगह 15 मार्च तक बाजारों में ताइवानी फल पहुंचाना है. वे इस खेती में आने के बारे में बताते हैं कि वह खेती के साथ होटल के व्यवसाय से भी जुड़े हुए हैं. वहीं भभुआ शहर में स्थित उनके होटल में कुछ कंपनी के कर्मचारी रुकने के लिए आए थे और उन्होंने ही परंपरागत खेती से हटकर ताईवान तरबूज व खरबूजा की खेती करने का सलाह दिया था. जिसके बाद 2019 में 2 एकड़ में खेती शुरू किया और करीब एक एकड़ में 4 लाख रुपये की कमाई हुई. इसके बाद 2 एकड़ से 20 एकड़ में खेती करना शुरू कर दिया. आगे वह बताते हैं कि ताइवानी खरबूजा की खेती काफी मुनाफे वाली खेती है, लेकिन जब मैंने इसका खेती शुरू किया था. उस दौरान गांव के लोगों का कहना था कि मुन्ना सिंह मूर्ख आदमी हैं. आज के समय में इतना बड़े स्तर पर तरबूज व खरबूजा की खेती कौन करता है. वहीं तीन सालों के बाद करीब 5 किसान 16 एकड़ के आसपास खरबूजा उगाने की तैयारी शुरू कर दिए हैं.
सफल किसान मुन्ना सिंह ने बताया कि ताइवानी तरबूज व खरबूजा की खेती सीजन में करने के दौरान एक एकड़ में करीब एक लाख रुपए तक का खर्च आता है और मुनाफा तीन से चार लाख रुपए तक हो जाता है. वहीं इसकी खेती मल्चिंग विधि से की जाती है, इसका फल बाजार में ₹30 से लेकर ₹70 तक बिकता है.
सफल किसान मुन्ना सिंह ने बताया कि उनके यहां करीब 5 से 6 लोग पूरे से साल 8 से 10 हजार रुपए की सैलरी पर नौकरी करते हैं. वहीं खरबूजा व तरबूज की खेती के दौरान 40 से अधिक लोगों को 200 से 300 रुपए प्रतिदिन देता हूं. इसके साथ ही जब फसल तैयार हो जाता है. उसके बाद भी कई लोगों को रोजगार देता हूं.
ताइवानी तरबूज-खरबूजा अन्य तरबूज-खरबूजा की तुलना में जल्दी खराब नहीं होते हैं. इनमें काफी पोषक तत्व पाए जाते हैं. यह स्वाद में बहुत मीठा होता है. इसके सेवन से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है. पाचन में सुधार, रक्तचाप कम करता है. साथ ही त्वचा का स्वास्थ्य अच्छा बनाता है. इसके साथ ही कई अन्य लाभ भी हैं.
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