Hydrogen Tractor: आ गया दुनिया का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रैक्टर, इसमें ड्राइवर की भी जरूरत नहीं

Hydrogen Tractor: आ गया दुनिया का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रैक्टर, इसमें ड्राइवर की भी जरूरत नहीं

कुबोटा ने ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाला ट्रैक्टर पेश किया है. कुबोटा ने यह ट्रैक्टर पिछले साल शोकेस किए गए उसके पहले के फ्यूल सेल ट्रैक्टर प्रोटोटाइप पर आधारित है. हाइड्रोजन ईंधन सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली उत्पन्न करती है. इस प्रक्रिया में केवल पानी और हीट उत्सर्जित होती है.

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आ गया दुनिया का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला ट्रैक्टर, इसमें ड्राइवर की भी जरूरत नहींपहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाला ट्रैक्टर (Photo- Kubota)

जापान की ट्रैक्टर कंपनी कुबोटा ने वो कर दिखाया है जो अभी तक कोई नहीं कर पाया. कुबोटा ने ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाला ट्रैक्टर पेश किया है. ऊपर से ये ट्रैक्टर सेल्फ ड्राइविंग भी है, यानी इसे चलाने के लिए ड्राइवर की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. ये ट्रैक्टर कोई प्रदूषण नहीं करता और AI की मदद से अपने आप ही चलता भी है. आज हम आपको कुबोटा के इसी हाइड्रोजन ट्रैक्टर के बारे में सारी चीजें विस्तार से बताने वाले हैं.

ट्रैक्टर में ड्राइवर की कोई सीट नहीं

हाइड्रोजन से चलने वाला कुबोटा का ये ट्रैक्टर करीब 100 HP का पावर बनाता है. ये ट्रैक्टर हाइड्रोजन फ्यूल सेल स्टैक की प्रति रीफ्यूलिंग पर लगभग आधे दिन तक लगातार काम कर सकता है. इससे यह ट्रैक्टर खेती में लंबे समय तक काम करने के लिए उपयुक्त है. ये ट्रैक्टर 4.4 मीटर लंबा है और 2.2 मीटर चौड़ाई है. इसकी ऊंचाई 2.3 मीटर है. सबसे खास बात ये कि इस ट्रैक्टर में ड्राइवर की सीट नहीं है. बिना ड्राइवर के इसे नेटवर्क रेंज के भीतर दूर से ही कंट्रोल किया जा सकता है. 

सेल्फ-ड्राइविंग वाले इस ट्रैक्टर में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसके AI-संचालित कैमरे दूर से ही सामने आने वाले लोगों और किसी भी चीज का पता लगा लेते हैं. जरूरत पड़ने पर ये मशीन ऑटोमैटिकली खुद को रोक भी देती है. इसका रिमोट ऑपरेशन और ऑफ-साइट मॉनिटरिंग किसानों को अपने काम ज़्यादा कुशलता से करने में मदद करते हैं. 

टोयोटा हाईड्रोजन कार से ली गई तकनीक

कुबोटा ने यह ट्रैक्टर पिछले साल शोकेस किए गए उसके पहले के फ्यूल सेल ट्रैक्टर प्रोटोटाइप पर आधारित है, जो 10 मिनट के हाइड्रोजन ईंधन भरने के बाद 60 हॉर्सपावर और 4 घंटे तक चलने की क्षमता रखता था. कुबोटा के उस मॉडल में टोयोटा के मिराई ईंधन सेल सिस्टम से ली गई तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. ये टोयोटा मिराई वही गाड़ी है जिसमें आपने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को चलते देखा होगा. कुबोटा ने इस तकनीक का खेती के काम में सफलतापूर्वक परीक्षण किया था. 

बता दें कि हाइड्रोजन ईंधन सेल, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के संयोजन से बिजली उत्पन्न करती है. इस प्रक्रिया में केवल पानी और हीट उत्सर्जित होती है. यही वजह है कि हाइड्रोजन एक स्वच्छ और भरोसेमंद ऊर्जा स्रोत के रूप में उभर रहे हैं. ये तकनीक अब अच्छी खासी एडवांस हो गई है जिससे ये भारी-भरकम कामों में इस्तेमाल के लिए अधिक प्रैक्टिकल भी होती जा रही है.

जल्दी शुरू होंगे ट्रैक्टर के फील्ड ट्रायल 

कुबोटा ने पुष्टि की है कि वह जल्द ही इस नए ट्रैक्टर के फील्ड ट्रायल शुरू करेंगे. कंपनी के प्रमुख डेवलपर्स में से एक, इसामु काज़ामा ने कहा कि हम जल्द ही एक डेमो प्रयोग करेंगे और व्यावहारिक अनुप्रयोग की दिशा में विकास जारी रखेंगे. हाइड्रोजन से चलने वाला ये ट्रैक्टर बैटरी-इलेक्ट्रिक मॉडल की तुलना में ज्यादा पावर बनाता करता है. इसमें तेजी से ईंधन भर जाता है और लंबे समय तक चलता है. कुबोटा का हाइड्रोजन-संचालित, AI-सक्षम ट्रैक्टर टिकाऊ और स्मार्ट कृषि के लिए एक साहसिक कदम है.

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