शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब को किया नमन: किसानों और जवानों की धरती को बताया देश की रीढ़

शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब को किया नमन: किसानों और जवानों की धरती को बताया देश की रीढ़

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में पंजाब की धरती, किसानों और जवानों की बहादुरी की खुलकर सराहना की. उन्होंने बाढ़ से प्रभावित किसानों के दर्द को महसूस कर केंद्र सरकार द्वारा दी गई 1600 करोड़ की सहायता सहित कई राहत उपायों की जानकारी दी.

Advertisement
शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब को किया नमन: किसानों और जवानों की धरती को बताया देश की रीढ़शिवराज सिंह चौहान ने कही ये बात

पंजाब की धरती को एक बार फिर से गौरव का सम्मान मिला जब मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने अपने दिल से पंजाब को नमन करते हुए किसानों की मेहनत, जज्बे और देशभक्ति की खुलकर सराहना की. एक हालिया भाषण में उन्होंने पंजाब की ऐतिहासिक भूमिका और आज के हालातों को सरल लेकिन भावनात्मक शब्दों में रखा. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा और केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब को क्या मदद मिली है.

पंजाब: देश की रक्षा और अन्न की शक्ति

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “जब भी देश पर दुश्मनों ने हमला किया, सबसे पहले वार झेलने वाला प्रदेश पंजाब रहा.” उन्होंने न सिर्फ पंजाब के जवानों की सराहना की, बल्कि किसानों को भी सच्चा राष्ट्रसेवक बताया.

उनका कहना था कि आजादी के बाद जब भारत के पास पर्याप्त अनाज नहीं था, तब पंजाब के किसानों ने देश का पेट भरा. उन्होंने उस समय को याद किया जब देश को अमेरिका से गेहूं मंगवाना पड़ता था और प्रधानमंत्री तक को कहना पड़ा था कि हफ्ते में एक दिन उपवास रखें.

पंजाब ने शुरू की थी हरित क्रांति

चौहान ने कहा कि भारत में हरित क्रांति की शुरुआत सबसे पहले पंजाब से हुई. यहां के किसान दिन-रात मेहनत कर देश की खेती को नई दिशा देते हैं. उन्होंने कहा कि “भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और किसान उसकी आत्मा. पंजाब देश की खेती के प्राण है.”

बाढ़ से तबाही और केंद्र सरकार की मदद

हाल ही में आई विनाशकारी बाढ़ ने पंजाब के हजारों किसानों को तबाह कर दिया. लाखों हेक्टेयर फसल डूब गई, कई घर उजड़ गए और 15 दिनों तक पानी भरा रहा. शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें पंजाब भेजा, ताकि वह हालात का जायज़ा लें. चौहान ने खुद मौके पर जाकर किसानों का दर्द महसूस किया और दिल्ली लौटकर प्रधानमंत्री को सारी स्थिति से अवगत कराया.

1600 करोड़ का स्पेशल पैकेज और अन्य मदद

बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री ने 1600 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया. इसके अलावा केंद्र सरकार ने हर स्तर पर सहयोग का वादा किया है:

  • 74 करोड़ रुपए गेहूं के बीज निशुल्क देने के लिए जारी किए गए.
  • 3.24 करोड़ रुपए सरसों बीज और अन्य के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत भेजे गए.
  • 11 लाख 9 हजार किसानों को 222 करोड़ रुपए एडवांस में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत उनके खातों में ट्रांसफर किए गए.
  • 240 करोड़ रुपए की पहली किस्त एनडीआरएफ फंड से राज्य सरकार को तुरंत दी गई.
  • बागवानी में हुए नुकसान की भरपाई के लिए एमआईडीएच योजना के तहत मदद देने का आश्वासन दिया गया.

सिल्ट हटाने के लिए भी मिलेगा पैसा

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बाढ़ के बाद खेतों में सिल्ट (रेत-मिट्टी) जम गई है, जिससे खेती करना मुश्किल हो गया है. केंद्र सरकार ने सिल्ट हटाने के लिए भी राशि देने का प्रावधान किया है, ताकि किसानों को किसी तरह की दिक्कत ना हो.

किसानों की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा

अपने भाषण के अंत में चौहान ने कहा, “जो भाई तकलीफ में है, उसकी सेवा करना ही सबसे बड़ी पूजा है.” उन्होंने वादा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार हर जरूरी सहयोग पंजाब को देती रहेगी.

शिवराज सिंह चौहान का यह बयान न केवल पंजाब के किसानों और जवानों के योगदान को सम्मान देने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश के हर संकट में केंद्र सरकार राज्यों के साथ खड़ी है. पंजाब की धरती सिर्फ युद्धभूमि नहीं, बल्कि अन्न की धरती है – और यह बात एक बार फिर से साबित हुई है.

कृषि मंत्री ने देखा आधुनिक यंत्रों का लाइव प्रदर्शन

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब प्रवास के दौरान लुधियाना के नूरपुर बेट गांव में किसानों के साथ चौपाल लगाई और कृषि यंत्रों का प्रदर्शन देखा. इस दौरान उन्होंने एसएमएस फिटेड कंबाइन हार्वेस्टर और हैप्पी स्मार्ट सीडर मशीन का लाइव डेमो भी देखा.

नूरपुर बेट: पराली न जलाने वाला गांव बना उदाहरण

चौहान ने कहा, “नूरपुर बेट गांव पराली प्रबंधन के लिए देश के सामने एक उदाहरण है. यहां स्मार्ट सीडर और एसएमएस युक्त कम्बाइन की मदद से पराली को जलाए बिना खेत में फैला दिया जाता है, जिससे खेत बिना जुताई के सीधी बुआई के लिए तैयार हो जाता है.”

स्मार्ट सीडर से मिलती है नमी और जड़ों को मजबूती

“जब स्मार्ट सीडर से बुआई होती है, तो मिट्टी पर पराली की परत जम जाती है. इससे नमी बनी रहती है, मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और जड़ें मज़बूत होती हैं,” कृषि मंत्री ने समझाया.

मधुमक्खी पालन केंद्र ‘समन्यु हनी’ का दौरा

इसके अलावा चौहान ने डोराहा गांव स्थित "समन्यु हनी" मधुमक्खी पालन केंद्र का निरीक्षण किया और कृषि आधारित ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने की दिशा में इसे महत्वपूर्ण बताया.

ये भी पढ़ें: 

फसल पर मौसम की मार: पंजाब में 5 से 6 क्विंटल प्रति एकड़ घटा धान उत्पादन
Kashmir Farming: अफीम नहीं, अब सब्जियां और सेब उगाकर मुनाफा कमा रहे कुलगाम के किसान 

POST A COMMENT