देश में किसान अब खेती के साथ-साथ बड़े स्तर पर मछली पालन की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं. इससे किसानों की अच्छी कमाई हो रही है. साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी मुहैया कराई जाती है. लेकिन कई बार किसानों के पास मछली पालन में दाना कैसे खिलाएं, इसको लेकर जरूरी जानकारी नहीं होती है. ऐसे में ICAR ने मछली को दाना खिलाने के लिए एक स्मार्ट फिश फीडर मशीन बनाई है. यानी अब सोलर एनर्जी से मछलियों को दाना खिलाया जा सकेगा. दरअसल, सोलर एनर्जी से चलने वाली मशीन बनाई गई है, जिससे मछलियों को दाना खिलाया जाएगा. इसका नाम है स्मार्ट फिश फीडर मशीन. आइए जानते हैं क्या है स्मार्ट फिश फीडर मशीन की खासियत.
पशुपालक मछलियों को दाना देने के लिए स्मार्ट फिश फीडर मशीन का उपयोग कर सकते हैं. ये मशीन निर्धारित अंतराल पर दाना देने के लिए एक प्रोग्राम करने योग्य loT-संचालित तंत्र का उपयोग करता है. सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी से चलने वाली ये फिश फीडर मशीन ऑफ-ग्रिड स्थानों के लिए उपयुक्त है. साथ ही इस मशीन को चलाने के लिए किसानों को बिजली पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस मशीन के उपयोग से मछलियों को समय पर दाना मिल जाएगा. इसके अलावा किसानों को मछली के व्यवहार और फीडिंग गतिविधि की निगरानी करने में भी मदद मिलेगी. वहीं, इस मशीन के उपयोग से दाने की बर्बादी को कम किया जा सकता है.
यह ऐसी मशीन है जिसे दूर बैठा कोई किसान घर से ऑपरेट कर सकेगा. यह मशीन आईओटी यानी कि सॉफ्टवेयर से चलाई जा सकेगी. किसान इसे घर बैठे चला सकते हैं. किसान तय कर लेंगे कि उन्हें मछलियों को कब दाना खिलाना है. उस टाइम के अनुसार वे दाना देने का समय फिक्स कर लेंगे. फिर मशीन उसी टाइम पर तालाब में दाने का छिड़काव करेगी. इस मशीन को चलाने के लिए सोलर प्लेट लगी होगी जिससे पैदा हुई बिजली मशीन को ऑपरेट करेगी. इस मशीन को चलाने के लिए किसी बिजली के खंबे या बिजली कनेक्शन से जोड़ने की जरूरत नहीं होगी. सबसे खास बात ये कि इस मशीन के उपयोग से किसान मछलियों की गतिविधियों पर नजर रख सकेंगे. गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल कर उन्हें पालने में आसानी होगी.
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जो मछली पालक मछली पालन करना चाहते हैं, वे पालन से पहले तालाब तैयार होने के बाद बांध पर चूने और गोबर का लेप करें. इसके दो सप्ताह के बाद विदेशी कार्प मछलियों को तालाब में डालें. इसमें सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प और कॉमन कार्प किस्म की मछलियां शामिल हैं. इन मछलियों का पालन करने से अधिक उत्पादन होता है.
मछलियों के समुचित विकास के लिए प्राकृतिक आहार के साथ-साथ पूरक आहार भी देना चाहिए. यदि तालाब में प्राकृतिक चारे की मात्रा संतोषजनक नहीं है तो उर्वरक डालें और पूरक आहार की मात्रा बढ़ा दें. इसके लिए किसानों को चावल की खली और सरसों की खली को आधा-आधा के अनुपात में खिलाना चाहिए. वहीं, सरसों के छिलके की जगह मूंगफली के छिलके भी दे सकते हैं. इसके साथ ही भोजन में एक प्रतिशत की दर से खनिज मिश्रण भी देना चाहिए. भोजन को एक बोरे में रखें, उसमें छेद करें और तालाब में लटका दें. इसके लिए प्लास्टिक की बोरी का प्रयोग करें. खाना खत्म होते ही बोरी हल्की हो जाने के कारण अपने आप ऊपर उठ जाएगी.
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