बछड़ा गाय का हो या फिर भैंस का, पशुपालन में बछड़े को मुनाफे का घर कहा जाता है. क्योंकि बछड़े-बछिया से ही पशुओं के बाड़े में उनकी संख्या बढ़ती है. लेकिन बछड़े-बछिया का बड़ा होना आसान नहीं होता है. जन्म से लेकर 6-8 महीने बछड़ों को बहुत देखभाल की जरूरत होती है. अगर ऐसा नहीं किया तो बाड़ें में बछडों की मृत्युदर बढ़ सकती है. खासतौर पर बरसात के दिनों में बछड़ों की ये देखभाल और ज्यादा बढ़ जाती है. क्योंकि मौसम के हिसाब से की जाने वाली देखभाल से ही पशुओं की ग्रोथ होती है और वो उत्पादन भी ज्यादा देते हैं.
अगर मौसम के चलते पशु किसी भी तरह के तनाव में आता है तो मान लिजिए कि उसकी ग्रोथ और उत्पादन का प्रभावित होना तय है. आप पशु को हरा चारा, सूखा चारा और मिनरल मिक्चर समेत कितना भी अच्छा खाने को दे दें, लेकिन अगर वो तनाव में है तो उसे किसी भी तरह की खुराक से कोई फायदा नहीं होगा.
ये भी पढ़ें: Animal Reproduction: कैसे पता करें पशु में सेक्स सॉर्टड सीमेन का इस्तेमाल हुआ है, पढ़ें तरीका
बरसात के दिनों में बछड़ों को बाहर नहीं जाने दें.
बछड़ों में बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं होती है.
बछड़ों के शरीर में पानी की मात्रा अधिक होती है.
बरसात के मौसम में शरीर का पानी ठंड से तनाव बढ़ा देता है.
बारिश के दौरान बछड़ों को उचित गर्मी दी जानी चाहिए.
बछड़ों को गर्मी देने और ठंड से बचाने के लिए कपड़े पहनाएं.
बछड़ों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दूध पिलाया जाना चाहिए.
तीन महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को कृमिनाशक दवा खिलाएं.
छह महीने से ज्यादा उम्र के बछड़ों को बीक्यू और एचएस का टीका लगवाएं.
ये भी पढ़ें: Reproduction: हीट में आने के बाद भी गाय-भैंस गाभिन ना हो तो घर पर ऐसे करें इलाज
पशु शेड की छत मजबूत हो और पानी का रिसाव नहीं हो रहा हो.
हरा चारा खिलाने से पहले काटकर धूप में सुखाना चाहिए.
मॉनसून में पशुओं को खिलाने के लिए फीड ब्लॉक बेहतर उपाय है.
पशु शेड के पास सभी झाड़ियों और पौधों को काटकर साफ कर देना चाहिए.
घावों या कटी हुई चोटों को लोशन से धोने के साथ ही उन पर मलहम लगाना चाहिए.
पशु फार्म को बैक्टीरिया रहित बनाने के लिए कीटाणुनाशक दवाईयों का इस्तेमाल करें.
चारा और उससे जुड़ी चीजों को बारिश या नमी से बचाकर सूखी जगह रखना चाहिए.
बरसात के दौरान पशुओं को खुले मैदान और खेत में नहीं चराना चाहिए.
मॉनसून के मौसम का चारा हो या घास उसमे पानी की मात्रा ज्यादा होती है.
बछड़ों के पीने के लिए साफ, पीने योग्य और ताजा पानी होना चाहिए.
बछड़ों को खेत में जमा लाल पानी या कीचड़ वाला पानी नहीं पीने देना चाहिए.
प्रदूषित पानी पीने से पशुओं को सर्दी, दस्त, ब्लैक क्वार्टर समेत कई बीमारी हो सकती हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today