देश में आत्मनिर्भरता लाने के लिए कृषि क्षेत्र में किसानों का आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है. किसान आत्मनिर्भर तब होता है, जब वह अपनी फसल से लागत से अधिक मुनाफा कमाता है. कहा जाता है कि यदि मौसम साथ दे जाए तो खेती हमेशा फायदे का सौदा होती है. लेकिन, कई बार अधिकांश किसानों को यह शिकायत रहती है कि वे अपनी खेती से अधिक लाभ नहीं कमा पा रहे हैं. इसका कारण है कि ऐसे किसान पारंपरिक तरीके से खेती करते हैं. वर्तमान समय में पारंपरिक तरीकी की जाने वाली खेती अधिक सफल नहीं है और किसानों को आधुनिक तरीके से खेती करने की सलाह दी जाती है. इसी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र ने देश के 60 लाख से अधिक किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया है.
भारतीय कृषि विभाग ने लगातार आधुनिक और स्मार्ट तरीके की खेती को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. किसानों की आय को बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती को छोड़ आधुनिक बनाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया है. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि बीते चार सालों में 60 लाख से अधिक किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया है.
सरकार का प्रयास रहता है कि किसानों को कम लागत में अधिक लाभ मिले जिससे वे खेती की ओर आकर्षित हो सकें और देश में खेती का रकबा बढ़ सके. सरकार ने इसके लिए आधुनिक खेती का प्रशिक्षण देने का काम शुरू किया है.
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आधुनिक खेती के अंतर्गत किसानों को खेत की बुआई करने से लेकर अनाजों के भंडारण तक का काम शामिल है. किसानों को अच्छी किस्म के बीजों की जांच परख कर खेती करना, खेती के लिए कृषि यंत्रों और टेक्नोलॉजी की पूरी जानकारी होना, उनका संचालन और भरपूर उपयोग करने के लिए प्रोत्साहन देना ही कृषि विज्ञान केंद्र का काम है और यही आधुनिक खेती है.
इस तरह की खेती से देश के किसानों के समय और मेहनत की बचत होगी. साथ ही देश में खेती का रकबा बढ़ेगा. केंद्र सरकार ने किसानों को पूरी तरह से आधुनिक कृषि यंत्रों को चलाने और खूब अधिक इस्तेमाल करने का प्रोत्साहन दिया है.
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