बिहार के 10 हजार गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे होगा, खेती-किसानी का डेटाबेस बन रहा

बिहार के 10 हजार गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे होगा, खेती-किसानी का डेटाबेस बन रहा

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में एक ऐसा डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जा रहा है, जिसपर किसानों का सभी विवरण और खेत का विवरण, खेत में उगाई जा रही फसल का विवरण, खेत का रकबा आदि उपलब्ध रहेगा. इन विवरण के आधार पर किसानों को सरकार द्वारा पारदर्शी तरीके से तुरंत गति से योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा.

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बिहार के 10 हजार गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे होगा, खेती-किसानी का डेटाबेस बन रहाडिजिटल क्रॉप सर्वे

बिहार के 28 जिलों को 10 हजार गांवों में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया जाएगा. खेती-किसानी का डेटाबेस तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है. अब तक बिहार के 20 जिलों में रबी फसल के दौरान डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जा चुका है. बता दें कि बजट 2024 में भारत सरकार ने घोषणा की है कि देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम किया जाएगा. इससे फसल उपज, खेती योग्य भूमि की डिटेल्स, किसानों की वित्तीय जरूरत समेत खेती-किसानी से जुड़ी अन्य डिटेल्स अपलोड की जाएंगी.

प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का उद्घाटन

पटना कृषि भवन में बिहार के कृषि मंत्री मंगल पाण्डेय की अध्यक्षता में एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का उद्घाटन किया गया. इस कार्यशाला में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डिजिटल क्रॉप सर्वें के परामर्शी महेश बोकाड़े और तकनीकी विशेषज्ञ कृति कुमारी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से एग्रीस्टेक (डिजिटल क्रॉप सर्वे) की विशेषताओं के बारे में बताया और तकनीकी सत्र के दौरान एग्रीस्टेक ऐप और वेबपोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जा रहा है

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में एक ऐसा डिजिटल प्लेटफार्म बनाया जा रहा है, जिसपर किसानों का सभी विवरण और खेत का विवरण, खेत में उगाई जा रही फसल का विवरण, खेत का रकबा आदि उपलब्ध रहेगा. इन विवरण के आधार पर किसानों को सरकार द्वारा पारदर्शी तरीके से तुरंत गति से योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा, जैसे पीएम किसान सम्मान निधि, केसीसी की स्वीकृति, फसलों की अधिप्राप्ति, फसल क्षति का मुआवजा का भुगतान आदि. इन कामों में एग्रीस्टैक के माध्यम से तुरंत निर्णय लिया जा सकेगा.

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400 जिलों में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे

मंगल पांडेय ने कहा कि बजट 2024 में भारत सरकार ने घोषणा किया है कि देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे का काम किया जाएगा. वहीं, अगले 03 वर्षों में डिजिटल पब्लिक आधारभूत संरचना का विकास किया जाएगा, इसका उद्देश्य किसान और किसान की भूमि से संबंधित आंकड़ों को संग्रहित करना है. बिहार में पिछले रबी फसल मौसम से ही डिजिटल क्रॉप सर्वें का काम  20 जिलों में कराया जा रहा है. 

10,000 गांव में होगा डिजिटल क्रॉप सर्वे

कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि पिछले रबी फसल मौसम में 20 जिलों के 2069 ग्राम में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराया गया है. इस खरीफ फसल मौसम में राज्य के 28 जिलों के 10,000 गांव में डिजिटल क्रॉप सर्वे कराने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने आगे बताया कि डिजिटल क्रॉप सर्वे के माध्यम से किसानों के खेत में वास्तविक रूप से उगाए जा रहे फसल का विवरण और क्षेत्रफल का डाटाबेस तैयार किया जाएगा. इससे फसल के आच्छादन और उत्पादन का सटीक आंकड़ा प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला के दूसरे दिन 28 जिलों के जिलास्तरीय पदाधिकायों और कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.

कार्यशाला में ये लोग रहे मौजूद

इस अवसर पर सचिव, कृषि विभाग संजय कुमार अग्रवाल, कृषि निदेशक मुकेश कुमार लाल, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, अपर सचिव, कृषि विभाग शैलेन्द्र कुमार सहित कृषि विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पदाधिकारीगण और सूचना प्राद्यौगिकी से संबंधित तकनीकी विशेषज्ञ उपस्थित थे. 

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