खेती में तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल ने कृषि लागत और समय को घटाने में काफी मदद की है. पुराने समय में ट्रैक्टर ने जुताई के काम को आसान बनाया तो आज के समय में ड्रोन और एआई जैसी तकनीक से लैस उपकरण खेती को आसान बना रहे हैं. इसमें देश के नामी रिसर्च संस्थान भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. इसी कड़ी में आईआईटी कानपुर की मदद से एग्रीटेक स्टार्टअप एग्रोट्रेस (AgroTrace) ने आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से लैस ऐसी डिवाइस बनाई है जो खेत की मिट्टी और नमी को जांचकर खाद और पानी की जरूरत को बता देती है. इसकी मदद से 40 फीसदी कृषि लागत में बचत का दावा किया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के अनुसार IIT कानपुर की मदद से एग्रीटेक स्टार्टअप एग्रोट्रेस ने AI आधारित ऐसी डिवाइस तैयार की, जिससे खेतों में पानी और खाद जरूरत की निगरानी 24 घंटे हो सकेगी. रिपोर्ट के अनुसार अभी इस डिवाइस का इस्तेमाल 100 किसानों के खेतों में किया जा रहा है. सब्जी और फल उगाने वाले किसान इसका सबसे ज्यादा लाभ ले रहे हैं. दावा किया गया है कि इस डिवाइस की मदद से किसानों की सिंचाई और उर्वरक लागत 40 फीसदी तक घटाई जा सकेगी.
रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ के किसान चैतन्य तिवारी ने डिवाइस को सीतापुर के अपने फार्महाउस पर लगाया है. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस की मदद से फसलों में पानी की कमी की सटीक जानकारी मोबाइल पर मिल रही है. सीतापुर के फार्म हाउस में केले की खेती कर रहे चैतन्य ने कहा कि उन्होंने एक महीने पहले ही डिवाइस का इस्तेमाल शुरू किया है. इसकी मदद से खेत की मिट्टी में नमी और मिट्टी की उर्वरा शक्ति की जानकारी हर रोज मिल रही है.
डिवाइस बनाने वाली एग्रोट्रेस कंपनी के संस्थापक रजनीश तिवारी के मुताबिक डिवाइस AgroTrace का इस्तेमाल हरियाणा, राजस्थान व गुजरात के किसान कर रहे हैं. हरियाणा के किसानों द्वारा खीरे की खेती में इसका इस्तेमाल करने पर पैदावार दो से तीन गुना तक बढ़ी है. फल और सब्जी की फसल 60 से 90 दिन की होती है. इससे किसानों को इसका ज्यादा फायदा मिल रहा है. डिवाइस का इस्तेमाल एक एकड़ खेत के लिए किया जा सकता है. भूजल का दोहन अधिक होने वाले इलाकों में इसका इस्तेमाल काफी फायदेमंद है.
एग्रोट्रेस की एआई आधारित डिवाइस बैटरी से चलती है और इसमें लगे सेंसर मिट्टी की नमी का आकलन करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैटरी को दो साल तक चार्ज करने की जरूरत नहीं होती है. डिवाइस में एक माइक्रो सिम होता है जो किसान के मोबाइल फोन पर खेत में नमी की सूचना भेजता रहता है. इसके आकलन के आधार पर पारंपरिक सिंचाई और खाद के इस्तेमाल में 40 प्रतिशत तक कमी आई है. कंपनी की बैकअप टीम भी खेत से मिलने वाले डाटा की निगरानी करती है.
एग्रीटेक कंपनी एग्रोट्रेस के बयान के अनुसार कुशल सिंचाई और उर्वरक प्रबंधन के लिए AgroTrace एक स्मार्ट सॉल्यूशन है. यह मशीन विभिन्न गहराई पर मिट्टी की जल क्षमता और तापमान को मापती है, जिससे मिट्टी की स्थितियों की सटीक निगरानी संभव होती है. इस डेटा का विश्लेषण करके, एग्रोट्रेस मिट्टी की वर्तमान पानी की जरूरत का अनुमान लगाता है. इससे बेहतर फसल पैदावार, संसाधन संरक्षण और टिकाऊ कृषि प्रैक्टिस होती है. वास्तविक समय के डेटा और उन्नत विश्लेषण के साथ एग्रोट्रेस किसानों को सूचित कर निर्णय लेने, पानी के इस्तेमाल को कम करने और समग्र कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करता है.
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