दक्षिण के अहम राज्य केरल में शुक्रवार को एक जोरदार राजनीतिक लड़ाई के लिए मंच तैयार हो चुका है. दूसरे चरण के तहत यहां की 20 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. जबकि कुल 194 उम्मीदवार मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए रेस में हैं. लेकिन सबसे ज्यादा नजरें राहुल गांधी, शशि थरूर, राजीव चंद्रशेखर और वी मुरलीधरन जैसे प्रमुख चेहरों पर लगी होंगी. कई दलों के अनुभवी राजनेताओं की मौजूदगी की वजह से इस बार मुकाबला काफी तगड़ा होने की उम्मीद है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस बार राज्य में चुनावी जीत हासिल करने की तरफ देख रही है. यह वह राज्य है जहां पर अभी तक बीजेपी का खाता नहीं खुला है. सीपीआई के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ एलडीएफ, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली एनडीए की तरफ से पूरे एक महीने तक जोरदार चुनाव प्रचार के बाद शुक्रवार को मतदान होगा.
बुधवार शाम को यहां पर प्रचार खत्म हो गया था. लेकिन शुक्रवार को होने वाले मतदान से पहले गुरुवार को केरल में खामोशी से प्रचार अभियान चला. इस बार अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाने वाले कुल उम्मीदवारों में दो केंद्रीय मंत्री, एक राज्य मंत्री, तीन अभिनेता और कुछ विधायक शामिल हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने सबसे अधिक पांच महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. पिछले आम चुनावों के विपरीत, केरल में अत्यधिक सक्रिय और आक्रामक प्रचार अभियान देखा गया. सीएए के लागू होने से लेकर 'लव जिहाद' के अस्तित्व पर आरोप, 'द केरल स्टोरी' फिल्म को लेकर विवाद, मणिपुर हिंसा, वायनाड में राहुल गांधी की उम्मीदवारी, साथ ही कई राजनीतिक दलों द्वारा अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण जैसे विविध मुद्दे उच्च-शोर वाले सार्वजनिक अभियानों पर हावी रहे. 2019 के लोकसभा चुनावों में, यूडीएफ ने 20 में से 19 सीटें जीतीं, जबकि एलडीएफ को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा.
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चुनाव आयोग ने कहा कि केरल में 2.75 करोड़ से अधिक मतदाता हैं और शुक्रवार को सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा. मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) संजय कौल ने एक बयान में कहा कि मतदान सुबह 6 बजे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में मॉक पोल के बाद शुरू होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) ठीक से काम कर रही हैं. संजय कौल ने बताया कि इस लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में 30,238 ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा.
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अगर कोई मशीन खराब होती है तो संबंधित सेक्टर अधिकारियों के जरिए रिजर्व ईवीएम मुहैया कराई जाएंगी. दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल वोटिंग मशीन उपलब्ध कराई गई है. दिव्यांग मतदाताओं के लिए रैंप और व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है. कौल ने बताया कि स्वतंत्र और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केरल के 14 जिलों में से आठ जिलों कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, मलप्पुरम, कोझीकोड, पलक्कड़, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में सभी बूथों की लाइव निगरानी के लिए वेबकास्टिंग प्रणाली लागू की गई है. बाकी छह जिलों में 75 फीसदी बूथों की निगरानी इस प्रणाली से की जाएगी.
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बूथ पर कब्जा, पैसे बांटने और फर्जी मतदान को रोककर पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए वेबकास्टिंग सुविधा शुरू की गई है. इसमें कहा गया है कि 20 लोकसभा सीटों के सीईओ और रिटर्निंग ऑफिसर के कार्यालयों में बनाए गए नियंत्रण कक्षों में विजुअल्स की लाइव निगरानी की जाएगी. कोट्टायम संसदीय क्षेत्र में सबसे ज्यादा 14 उम्मीदवार हैं. जबकि अलाथुर में सबसे कम पांच उम्मीदवार हैं. गौरतलब है कि कोझीकोड में 13 और कोल्लम और कन्नूर में 12-12 उम्मीदवार हैं. कुल 194 उम्मीदवारों में से 169 पुरुष और 25 महिलाएं हैं. वटकरा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक चार महिला उम्मीदवार हैं. इस बार राज्य में कुल 2,77,49,159 मतदाता हैं, जिनमें से 1,43,33,499 महिलाएं हैं और पांच लाख से ज्यादा फर्स्ट टाइम वोटर्स हैं. इनके अलावा राज्य में 2,64,232 मतदाता विकलांग और 367 हीट्रोसेक्सुअल वोटर्स हैं.
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