
इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में बिहार में इस बार एनडीए को वोट शेयर में थोड़ी कमी होती दिख रही है. यहां इंडिया गठबंधन को 7-10 तो एनडीए को 29-33 सीटें मिल सकती हैं. बीजेपी को 13-15, जेडीयू को 9-11, एलजेपीआर को 5, आरजेडी को 5-7 सीटें मिल सकती हैं. झारखंड में एनडीए को दो सीटों का नुकसान तो इंडिया गठबंधन को 2 सीटों का फायदा मिलता नजर आ रहा है. यहां बीजेपी को 8-10, आजसू को 1, जेएमएम 2-3, कांग्रेस को 2-3 और अन्य को 0-1 सीटें मिल सकती हैं.
छत्तीसगढ़ में एनडीए को 57 परसेंट तो 10-11 सीटें मिल सकती हैं. यहां पिछली बार से 2 सीटों का फायदा होता दिख रहा है. यहां बीजेपी को 57 परसेंट तो कांग्रेस को 37 और अन्य को 6 परसेंट वोट मिल सकते हैं. यहां कांग्रेस को 0-1 सीटें मिल सकती हैं.
मध्य प्रदेश में बीजेपी को 28-29, कांग्रेस को 0-1 सीटें मिल सकती हैं. इस तरह बीजेपी पिछले चुनाव से बीजेपी को एक सीट का फायदा हो सकता है. बीजेपी को 61 परसेंट तो इंडिया गठबंधन को 33, बीएसपी को 2 और अन्य को 4 परसेंट वोट मिल सकते हैं.
राजस्थान में बीजेपी को 16-19 सीटें तो इंडिया गठबंधन को 5-7 सीटें मिल सकती हैं. इस तरह राजस्थान में बीजेपी को 6 सीटों का नुकसान तो इंडिया गठबंधन को 6 सीटों का फायदा हो सकता है. अन्य के खाते में 1-2 सीटें जा सकती हैं. राजस्थान में एनडीए को 51 परसेंट तो इंडिया गठबंधन को 41 परसेंट और अन्य को 8 परसेंट वोट मिल सकते हैं.
गुजरात में बीजेपी को 25-26 तो इंडिया गठबंधन को 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है. वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 63 परसेंट, इंडिया गठबंधन को 33 परसेंट और अन्य को 4 परसेंट वोट मिल सकते हैं.
हिंदी पट्टी में हिंदी भाषी राज्य आते हैं. इसमें बिहार, यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्य आते हैं. ये राज्य भारतीय जनता पार्टी यानी कि BJP का गढ़ रहे हैं. इस बार बीजेपी और इंडिया गठबंधन ने चुनाव प्रचार में एक दूसरे को टक्कर दिया. दोनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए. बिहार में बीजेपी के सामने इंडिया गठबंधन की खास पार्टी राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस रहे जबकि यूपी में समाजवादी पार्टी ने टक्कर दिया. मध्य प्रदेश में कांग्रेस, राजस्थान में भी कांग्रेस और झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम बीजेपी के सामने इंडिया गठबंधन से प्रतिद्वंद्वी रही.
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बिहार में पिछले एग्जिट पोल में बीजेपी के लिए जितना अनुमान लगाया था, उससे अधिक सीटें आई थीं. जब चुनाव के रिजल्ट आए तो जीत बीजेपी की ही रही. यहां तक कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी का खाता तक नहीं खुला. पिछले चुनाव में बीजेपी को 17, जेडीयू को 16 और एलजेपी को 6 सीटें मिलीं. कांग्रेस को एक सीट पर कामयाबी हासिल हुई थी. इस बार बीजेपी 17, जेडीयू 16, चिराग पासवान की एलजेपी 6, उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा 1, जीतन राम माझी की पार्टी हम 1 सीट पर चुनाव मैदान में रही. गठबंधन में आरजेडी 23, कांग्रेस 9, लेफ्ट 5 और वीआईपी 3 सीटों पर चुनाव मैदान में रही.
उत्तराखंड में बीजेपी को 5 और बाकी किसी भी दल को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है. एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक, उत्तराखंड में बीजेपी को 60 परसेंट, कांग्रेस को 35, बीएसपी को 2 तो अन्य को एक परसेंट वोट मिल सकता है. हिमाचल प्रदेश में कुल 4 सीटों पर बीजेपी जीत सकती है. बाकी किसी पार्टी का यहां खाता खुलता नहीं दिखता.
लोकसभा की 543 सीटों में यूपी अकेले 80 सीटें देता है. यह संख्या राज्यों में सबसे अधिक है. यूपी में भी बीजेपी नीत एनडीए और कांग्रेस वाले इंडिया गठबंधन के बीच टक्कर है. बीजेपी ने 75 सीटों पर चुनाव लड़ा और 5 सीटें अपने सहयोगियों को दी. उधर इंडिया गठबंधन से 62 सीटें समाजवादी पार्टी के पास तो 17 कांग्रेस और एक सीट तृणमूल को दी गई. देश की कुछ हाई प्रोफाइल सीटों में यूपी से भी कई सीटें हैं. यहां वाराणसी से पीएम मोदी मैदान में हैं तो लखनऊ से राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी, रायबरेली से राहुल गांधी, कन्नौज से अखिलेश यादव चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा गोरखपुर हाईप्रोफाइल सीट है जहां लगातार 5 बार से बीजेपी जीत रही है. 2014 के चुनाव में यूपी में एनडीए को 73 सीटें मिलीं जिनमें बीजेपी 71 और अपना दल 2 पर विजयी रही. 2019 में बीजेपी ने 62 और अपना दल ने 2 सीटें जीतीं.
राजस्थान में लोकसभा की 25 सीटें हैं. पिछली बार के एग्जिट पोल में इंडिया टुडे एक्सिस माई इंडिया ने बीजेपी को 23 और कांग्रेस को 2 सीटों का अनुमान दिया था. इसी तरह इप्सोस ने बीजेपी के लिए 22-23 और कांग्रेस के लिए 2-3 सीटों का अनुमान जताया था. इस तरह पिछले चुनाव में लगभग सभी एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए थे क्योंकि राजस्थान में बीजेपी को 25 में 24 सीटें और एक सीट अन्य के खाते में गई थी. बीजेपी ने यह जीत तब हासिल की जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी औऱ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे.
मध्य प्रदेश में हुए लोकसभा चुनाव में 29 सीटों पर कई प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं. मध्य प्रदेश में 2024 का आम चुनाव 18वीं लोकसभा के 29 सदस्यों का चुनाव करने के लिए 19 अप्रैल से 13 मई 2024 के बीच चार चरणों में हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनावों में इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एक्जिट पोल का दावा बिल्कुल सटीक बैठा था. एग्जिट पोल में कहा गया था कि प्रदेश की 29 में से 26 से 28 सीटों पर बीजेपी की जीत होगी और ये नतीजे सही साबित हुए थे. छिंदवाड़ा सीट को छोड़ दें तो बीजेपी ने 28 सीटों पर जीत हासिल की थी. वोट प्रतिशत भी बीजेपी के पक्ष में 57 प्रतिशत अनुमान लगाया गया था, जो 58 प्रतिशत से अधिक रहा था. इसी तरह जन की बात एजेंसी और आईएएनएस-सी वोटर ने बीजेपी को 24 और 21-24 सीटें मिलने की बात कही थी. सी-वोटर और और जन की बात ने 5-8 सीटें कांग्रेस को मिलने का अनुमान किया था, जो गलत साबित हो गया था.
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2019 के लोकसभा चुनावों में, BJP ने झारखंड की 14 सीटों में से 11 सीटें हासिल कीं, उसकी सहयोगी ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी ने एक, जबकि कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने एक-एक सीट हासिल की. लोकसभा चुनाव का सातवां चरण - जो झारखंड में मतदान का चौथा दौर है - 1 जून को संपन्न हो गया. इससे पहले झारखंड में 13 मई, 20 मई और 25 मई को चुनाव हुए थे. आखिरी और अंतिम चरण में गोड्डा, दुमका और राजमहल लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ. नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.
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