मोदी सरकार की पहल के बाद विश्च स्तर पर वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में यूपी सरकार ने प्रदेश में मोटे अनाज यानी मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम शुरू किया है. इसी कार्यक्रम के तहत योगी सरकार प्रदेश के किसानों को मोटे अनाज यानी मिलेट्स के फ्री बीज उपलब्ध कराने जा रही है. जिसके तहत अगले 4 साल में प्रदेश के 2.5 लाख किसानों को मिलेट्स यानी मोटे अनाज के फ्री बीज देने का लक्ष्य तय किया है. इस पर सरकार 11.86 करोड़ रुपये खर्च करेगी. साथ ही प्रदेश सरकार मिलेट्स के प्रसंस्करण पर जोर देगी और इनके बीज के उत्पादन पर 7.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कृषि विभाग ने मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत बनाई गई कार्य योजना के लिए विभिन्न लक्ष्य निर्धारित किए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समयबद्ध कार्य योजना का पालन सुनिश्चित किया जाए. हाल ही में एक बैठक में यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने अधिकारियों सेे कहा कि पूरी दुनिया भारत की पहल पर, इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना रही है. उन्होंने कहा कि यूपी के तमाम इलाके मिलेट्स की खेती के लिए मुफीद हैं, इसलिए मिलेट्स वर्ष को सफल बनाने में यूपी की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण होगी.
यूपी सरकार ने मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम पर जनवरी 2023 से वित्तीय वर्ष 2026-27 के दौरान 186.27 करोड़ रुपये खर्च कर मोटे अनाजों की उपज का दायरा एवं उत्पादन बढ़ाने के साथ इनके प्रसंस्करण पर पर्याप्त राशि खर्च करने का लक्ष्य तय किया है.
यूपी में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश में कुल 10.83 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में प्रमुख मिलेट्स फसलों का उत्पादन होता रहा है. इसमें बाजरा का रकबा 9.05 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 1.71 लाख हेक्टेयर, कोदो एवं सावा का रकबा 0.02 और 0.05 लाख हेक्टेयर है. सरकार ने अब नयी कार्ययोजना के तहत 2026-27 तक इनकी बुआई का रकबा बढ़ाकर 25 लाख हेक्टेयर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है.
वहीं योगी सरकार अगले 4 वर्षों में मिलेट्स के बीज की 2.5 लाख मिनी किट किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. इस पर राज्य सरकार 11.86 करोड़ रुपये खर्च करेगी. किस जिले में कितने किसानों को मुफ्त मिनी किट वितरित की जाएगी, इसका खाका भी कृषि विभाग द्वारा तैयार कर लिया गया है.
इसके अलावा सरकार बीज के उत्पादन पर 7.20 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके लिए अगले 4 साल में कुल 180 कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 4 लाख रुपये प्रति संगठन की दर से सीड मनी उपलब्ध कराया जाएगा. इससे भविष्य में मिलेट्स की विभिन्न फसलों के बीज स्थानीय स्तर पर किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे.
मिलेट्स का रकबा एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती के गुर सिखाएगी. इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम ब्लाक स्तर पर चलाए जाएंगे. कार्य योजना के मुताबिक हर साल 72,500 किसानों को मिलेट्स की बेहतर खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इस तरह चार साल में कुल 2.9 लाख किसान मिलेट्स और प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण से लाभान्वित होंगे. सरकार मिलेट्स फसलों की क्षमतावर्धन एवं प्रचार-प्रसार पर 4 साल में 111.50 करोड़ रुपये का व्यय करेगी.
वर्ष 2023-24 से वर्ष 2026-27 तक मिलेट्स के मूल्य संवर्द्धन के लिए प्रदेश में कुल 55 मिलेटस प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन यूनिट की स्थापना की जाएगी. एक इकाई की अनुमानित लागत 95 लाख रुपये तय की गई है. इनमें से 25 इकाइयों की स्थापना के लिए कृषि विश्वविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों को शत प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा.
इसके अलावा 30 इकाइयों की स्थापना के लिए एफपीओ एवं उद्यमियों को कुल निर्धारित लागत का 50 फीसद अनुदान देय होगा. तय समय में सरकार की ओर से इस मद में लगभग 38 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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