केंद्र सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी करते हुए खरीद मूल्य 2125 रुपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया है. यूपी सरकार ने केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी पर ही किसानों से गेहूं खरीदने की घोषणा की है. गौरतलब है कि पिछले साल गेहूं का एमएसपी 2015 रुपये प्रति क्विंटल था. वहीं केंद्र सरकार ने गत वर्ष अक्टूबर में ही रबी की फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा कर दी थी. देश की सभी राज्य सरकारें यह सुनिश्चित करती हैं कि किसानों से उनकी फसलों की सरकारी खरीद, केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी से कम कीमत पर न हो.
यूपी के अधिकांश इलाकों में गेहूं की फसल कटाई के लिए तैयार है. राज्य के किसानों से गेहूं की सरकारी खरीद पिछले साल की तुलना में 110 रुपये प्रति क्विंटल के इजाफे के साथ खरीदी जाएगी. योगी सरकार ने किसानों को यह सौगात देते हुए इस आशय के फैसले की घोषणा कर दी है. राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ''सरकार द्वारा गेहूं खरीद वर्ष 2023-24 के लिए गेहूं का समर्थन घोषित कर दिया गया है. 2125 रुपये प्रति कुन्तल की दर से आगामी 1 अप्रैल से 15 जून तक गेहूं की सरकारी खरीद की जाएगी.''
यूपी सरकार ने गेहूं की सरकारी खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण कराना अनिवार्य किया है. जो किसान सरकार को एमएसपी पर गेहूं बेचना चाहते हैं, उन्हें यूपी सरकार द्वारा किसानों से उपज खरीद के लिए निर्धारित वेबसाइट पर ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा. पंजीकरण प्रक्रिया 1 मार्च से प्रारंभ हो चुकी है. किसानों को 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने से पहले, पंजीकरण कराने के लिए 1 महीने का समय दिया गया है.
सरकार ने किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण कराने के लिए अन्य विकल्प भी दिए हैं. हर गांव में मौजूद नागरिक सुविधा केन्द्रों से भी किसान ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे. इसके अलावा एक टोल फ्री नंबर 1800-1800-150 पर कॉल करके किसान अपना पंजीकरण करा सकते हैं. सरकार ने पंजीकरण में दिक्कत आने पर किसानों से जिला खाद्य विपणन अधिकारी, तहसील के क्षेत्रीय विपणन अधिकारी या ब्लॉक के विपणन निरीक्षक से संपर्क कर पंजीकरण कराने की भी सुविधा दी है. इन अधिकारियों को किसानों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए गए हैं.
खरीफ सत्र में धान की सरकारी खरीद के लिए यूपी में पहले ही पंजीकरण करा चुके किसानों को अब रबी की फसल में गेहूं की खरीद के लिए फिर से पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी. सरकार ने पंजीकरण के लिए जारी दिशानिर्देशों में कहा है कि पूर्व पंजीकृत किसानों को सिर्फ गेहूं की बिक्री के लिए अपने पूर्व पंजीकरण को संशोधित कर लॉक कराना अनिवार्य है. पंजीकरण के आधार पर किसान अपनी उपज का गेहूं, मंडी में ले जाकर बेच सकेंगे. इसकी उन्हें ऑनलाइन पावती मिलेगी, जिसके आधार पर पंजीकृत किसान के बैंक खाते में उपज की बिक्री का पैसा भेज दिया जाएगा.
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