उत्तर प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में पिछले हफ्ते बारिश से जहां आम की फसल को नुकसान हुआ है तो वहीं ये बारिश गन्ने की फसल के लिए फायदे का सौदा साबित हुई है. बरसात की वजह से किसानों को गन्ने के खेत में सिंचाई करने की जरूरत महसूस नहीं हो रही है. तो इस बारिश की वजह से किसानों को खेत में यूरिया डालने का मौका भी मिल गया. इससे गन्ने की पैदावार बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें कि देश में सबसे ज्यादा गन्ने की पैदावार उत्तर प्रदेश में होती है, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र फिर आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल जैसे राज्य उत्पादन में अग्रणी है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए अब तक 212 लाख करोड रुपए की रकम भी जारी कर चुकी है.
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार किसानों के हितों के लिए बड़े फैसले ले रही है. इस सिलसिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार किसान के हितों के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का सर्वाधिक लाभ देश में यूपी के किसानों को प्राप्त हो रहा है. फसल ऋण माफी एवं एमएसपी का लाभ भी प्रदेश के किसानों को सबसे ज्यादा मिला है. अब तक प्रदेश में 2.12 लाख करोड़ से अधिक गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को हो चुका है.
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उत्तर प्रदेश में गन्ना (sugarcane crop) प्रमुख नकदी फसल है. प्रदेश के किसानों के द्वारा 28 लाख हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर गन्ने का उत्पादन हो रहा है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में स्थित छरौली चीनी मिल का भी नवीनीकरण व पुनरुद्धार योगी सरकार के कार्यकाल में हुआ है.
एक बार फिर उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र को पछाड़कर नंबर वन हो गया है. यूपी का चीनी उत्पादन 107 लाख टन के स्तर को पार कर गया है. वहीं महाराष्ट्र का कुल चीनी उत्पादन 105 लाख टन रहा है. चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने चालू सत्र के दौरान यूपी में 23 मार्च तक 83 लाख टन चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन होने का दावा किया गया हैं.
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