गन्ना बकाए का भुगतान और गन्ने के दाम तय करने को लेकर हरियाणा के साथ यूपी में किसानों का पिछले कुछ समय से धरना प्रदर्शन चल रहा है. इस बीच भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में दो दिन पहले ही आंदोलन शुरू किया है. अब इन्हीं मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (BKU) से टूट कर अलग हुए (अराजनीतिक) ने भी आंदोलन करने की घोषणा की है. इस संबंध में बीकेयू (अराजनीतिक) ने यूपी सरकार को 15 मार्च तक की मोहलत दी है. मांगें पूरी नहीं होने पर बीकेयू (अराजनीतिक) ने 15 मार्च को मेरठ में पंचायत कर आंदोलन का आगाज करने का ऐलान कर दिया है.
बीकेयू (अराजनीतिक) के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि प्रयागराज में आयोजित हुए संगठन के तीन दिवसीय चिंतिन शिविर में यह फैसला किया गया. उन्होंने बताया कि चिंतन शिविर में पारित प्रस्ताव के आधार पर संगठन के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने यूपी सरकार को गन्ने का राज्य प्राइवेसी मूल्य घोषित करने के लिए 15 मार्च तक का समय देते हुए आगाह किया कि अगर गन्ना किसानों की मांग पूरी नहीं हुई तो प्रदेश भर में एक बार फिर बड़ा आंदोलन होगा.
उन्होंने कहा कि आंदोलन शुरू करने से पहले बीकेयू (अराजनीतिक) का फरवरी माह में विशेष सदस्यता अभियान चलेगा. इसमें संगठन के कार्यकर्ताओं को एक लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है. इस दौरान 15 मार्च को मेरठ की क्रांति धरा पर संगठन की पंचायत होगी. यदि यूपी सरकार ने इन मांगों को अगले डेढ़ माह में पूरा नहीं किया तो पंचायत से ही आंदोलन का शंखनाद हो जाएगा.
2019 में कृषि सुधार से जुड़े तीन कानूनों के विरोध में टिकैत की अगुवाई में हुए बीकेयू के आंदोलन को राजनीतिक बताते हुए किसान संगठनों का एक गुट अलग हाे गया था. बीकेयू (अराजनीतिक) के नाम से बने इस गुट ने 27 से 29 जनवरी तक प्रयागराज में अपने संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्त करने के लिए चिंतन शिविर का आयोजन किया. मलिक ने बताया कि इसमें यूपी, एमपी, उत्तराखंड, राजस्थान और महाराष्ट्र से आए किसानों ने भाग लेकर एक प्रस्ताव पारित किया.
प्रस्ताव के हवाले से चौहान ने कहा कि खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए आज किसानों को काफी सहूलियतों की आवश्यकता है. किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार को कुछ कदम उठाना अनिवार्य है. यूपी में गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य तय नहीं किया गया है, जबकि गन्ने का आधा सत्र बीत चुका है. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार अविलंब गन्ने का मूल्य घोषित करे, अन्यथा शिविर से लौटते ही गन्ने को लेकर किसानों को अनिश्चितकालीन आंदोलन करना पड़ेगा.
बीकेयू (अराजनीतिक) के अध्यक्ष चौहान ने कहा कि गन्ना किसानों को उनका हक दिलाने के लिए 15 मार्च को मेरठ कमिश्नरी पर किसान पंचायत का आयोजन किया जाएगा. किसानो की समस्याओं पर सभी राज्यों में एक सम्मेलन किया जाएगा. इसके बाद दिल्ली में किसान महापंचायत होगी. चिंतन शिविर में पारित प्रस्ताव में कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण करने सहित किसानों की अन्य लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की. प्रस्ताव को ज्ञापन के रूप में प्रधानमंत्री को भी भेजा गया.
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