भारत और पाकिस्तान के संबंध शुरू से ही अच्छे नहीं रहे हैं. दोनों देशों के बीच आय दिन किसी ना किसी चीज़ को लेकर तनाव बना रहता है. ऐसे में पाकिस्तान के मौजूदा हालात के बारे में बात करें तो स्थिति काफी गंभीर है. आलम ये है कि पाकिस्तान में मंदी का दौर छाया हुआ है. पाकिस्तान में आटे की कीमत को लेकर हाहाकार मचा हुए है. आपको बता दें पाकिस्तान में आटे का भाव 160 रुपये किलो तक पहुंच गया है तो वहीं भारत के बंगाल में गेहूं MSP से भी कम भाव पर बिक रहा है. Agmarket के आकड़ों के अनुसार 22 जनवरी को पश्चिम बंगाल के करीमपुर मंडी में गेहूं एमएसपी से कम दामों पर बिका. एक तरह जहां पाकिस्तान में आटे की किल्लत चल रही है तो वहीं बंगाल में गेहूं का खरीदार नहीं है. आखिर बंगाल में क्यों हैं ऐसे हालत आइये जानते हैं.
बंगाल की बात की जाए तो यहां के अधिकतर लोगों के द्वारा चावल को अधिक पसंद किया जाता है. यहां चावल की खेती के साथ चावल का खपत भी उसी अनुसार है. चावल के अलावा चावल से बनाए गए उत्पादों की भी मांग ज्यादा है. ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार पंजाब हरियाणा में गेहूं की मांग हमेशा बनी रही है. पंजाब और हरियाणा के लोगों गेहूं और गेहूं से बने उत्पाद यानि रोटी को अधिक पसंद करते हैं. जिस वजह से इन इलाकों में गेहूं की उपज ओर मांग हमेशा बनी रहती है.
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अधिकारीर आकड़ों के मुताबिक इस साल बंगाल में गेहूं की बुवाई लगभग 0.10 लाख हेक्टेयर में की गयी है. इसका मुख्य कारण गेहूं की मांग है. यहां के लोगों रोटी से अधिक चावल खाना पसंद करते हैं. तो वहीं किसान भी गेहूं के जगह धान की बुवाई पर अधिक जोड़ देते हैं. जिस वजह से मंडी पर इसका असर साफ दिखता है. वेस्ट बंगाल के करीमपुर में 22 जनवरी को गेहूं का अधिकतम मूल्य 2100 रुपये दर्ज किया गया जो एमएसपी से कम है.
मंडी का नाम | मॉडल प्राइस | न्यूनतम मूल्य | अधिकतम मूल्य |
बीरभूम | 3060 | 3000 | 3100 |
बिष्णुपुर | 2200 | 2100 | 2250 |
बोलपुर | 3060 | 3000 | 3100 |
करीमपुर | 2060 | 2030 | 2100 |
भारत और पाकिस्तान की बात करें तो इन दोनों देशों में गेहूं का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है. लेकिन फिर भी आलम यह है कि इस साल पाकिस्तान में गेहूं के आटे को लेकर जंग छिड़ी हुई है. आम जनता को गेहूं के आटे के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ रही है, तब जाकर 160 रुपये प्रति किलो के हिसाब से आटा मिल रहा है. इसकी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध को माना जा रहा है. कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की आपूर्ति बाधित हुई है. जिससे वैश्विक बाजार में गेहूं की आपूर्ति प्रभावित हुई है, वहीं कुछ जगहों पर कीमतों में भी तेजी आई है. वैश्विक गेहूं बाजार में गेहूं आपूर्ति का संकट अब भी कायम है. जिससे गेहूं की कीमतों में स्थिरता देखने को मिल रही है. पाकिस्तान में जहां गेहूं का संकट गहराता जा रहा है, वहीं बंगाल में एमएसपी से कम गेहूं की कीमत ने सबका ध्यान खींचा है.
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