Wheat Farming Tips: गेहूं की बुवाई के तीन द‍िन के अंदर ही करें यह काम, बंपर होगी पैदावार 

Wheat Farming Tips: गेहूं की बुवाई के तीन द‍िन के अंदर ही करें यह काम, बंपर होगी पैदावार 

खरपतवार न‍ियंत्रण के ल‍िए रसायनों का छिड़काव खिली धूप वाले दिनों, जब हवा की गति बहुत कम हो, तभी करें. ज‍ितनी मात्रा को र‍िक्मेंड क‍िया गया है उससे कम या ज्यादा रसायनों के प्रयोग से फसल को नुकसान हो सकता है. इसल‍िए कृष‍ि वैज्ञान‍िकों की सलाह के मुताब‍िक ही हर्बिसाइड का इस्तेमाल करें.  

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Wheat Farming Tips: गेहूं की बुवाई के तीन द‍िन के अंदर ही करें यह काम, बंपर होगी पैदावार गेहूं की खेती के ल‍िए टिप्स.

खेती में खरपतवार एक बड़ी समस्या है. क‍िसानों को काफी पैसा इसके मैनेजमेंट पर खर्च करना पड़ता है, वरना इससे फसल को नुकसान होता है. उपज पर बुरा असर पड़ता है. लेक‍िन, अगर इसका मैनेजमेंट बुवाई से पहले ही कर ल‍िया जाए तो ज्यादा कारगर साब‍ित होगा. बंपर पैदावार होगी. खेतों में फैले खरपतवार को मजदूरों से निकलवाना महंगा पड़ता है, इसल‍िए भारतीय कृष‍ि अनुसंधान पर‍िषद (ICAR) से जुड़े वैज्ञान‍िकों ने क‍िसानों को सलाह दी है क‍ि वे गेहूं की बुवाई से पहले केम‍िकल के जर‍िए खरपतवार को कंट्रोल करने की कोश‍िश करें. ऐसा करना आर्थिक तौर पर लाभदायक होगा.

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के मुताब‍िक गेहूं बोने के तीन दिन के अंदर पेंडीमेथिलीन की 1000 म‍िली लीटर प्रति हेक्टेयर मात्रा को 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने से चौड़ी पत्ती एवं घास वर्गीय खरपतवार नियंत्रित हो जाते हैं. मेट्रिब्यूजिन की 175 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में घोलकर बोने के 25-30 दिनों बाद प्रयोग करें या फ‍िर सल्फोसल्फ्यूरॉन की 25 ग्राम मात्रा 250-300 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें. या फ‍िर 25 ग्राम सल्फोसल्फ्यूरॉन+ 4 ग्राम मेटासल्फ्यूरॉन मिथायल को 250-300 लीटर पानी में घोलकर एक हेक्टेयर में प्रयोग करें. 

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छ‍िड़काव से पहले सावधानी 

रसायनों का छिड़काव खिली धूप वाले दिनों, जब हवा की गति बहुत कम हो, तभी करें. ज‍ितनी मात्रा को र‍िक्मेंड क‍िया गया है उससे कम या ज्यादा रसायनों के प्रयोग से फसल को नुकसान हो सकता है. इसल‍िए कृष‍ि वैज्ञान‍िकों की सलाह के मुताब‍िक ही हर्बिसाइड का इस्तेमाल करें. छ‍िड़काव करते वक्त मास्क का इस्तेमाल करें, ताक‍ि उसका असर आप पर न हो. 

कब से शुरू करें बुवाई 

कृष‍ि वैज्ञान‍िकों के अनुसार असिंचित या बारानी क्षेत्रों में समय से गेहूं की बुवाई अक्टूबर के अंत‍िम सप्ताह से ही शुरू कर दें. गेहूं की बुवाई के लिए दिन का औसत तापमान 21-25 ड‍िग्री सेल्सियस होना चाहिए. यह गेहूं के दाने की चमक, आकार, स्वाद और उच्च बाजार भाव के लिए जरूरी है. कम पानी व बारानी क्षेत्रों के लिए गेहूं की कई प्रजातियां विकसित की गई हैं. इन्हें उगाकर ऐसे क्षेत्रों के किसान अच्छी उपज व अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं.

पंक्ति से पक्ति की दूरी क‍ितनी हो? 

गेहूं की प्रति हेक्टेयर बुवाई के लिए 125 प्रति किलोग्राम बीज एवं पंक्ति से पक्ति की दूरी 23 सेंमी तथा बीज की गहराई 5-7 सेंमी रखनी चाहिए. उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर ही करना उचित रहता है. असिंचित तथा सीमित सिंचाई व समय से बुवाई के लिए 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फॉस्फोरस तथा 20 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करें. 

हमेशा उन्नत, नई तथा क्षेत्र विशेष के लिए र‍िक्मेंड प्रजातियों का चयन करना चाहिए. असिंचित और सीमित सिंचाई व समय से बुवाई के लिए गेहूं की उन्नत प्रजातियां जैसे-एचआई 1531, एचआई 8627, एचआई 1500, एचडी 4672, एचडी 2987, एचडब्ल्यू. 2004 उपयुक्त हैं. 

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