मटर की खेती पूरे भारत में की जाती है और मटर भारतवर्ष की शीतकालीन सब्जियों में एक है. वैसे तो यह भारत के हर राज्य में उगाई जाती है. लेकिन, मटर उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश भारत के सभी राज्यों के बीच अव्वल है. जबकि उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्य ऐसे हैं, जहां भारत की कुल प्रतिशत में 85 प्रतिशत मटर का उत्पादन होता है. आइये जानते हैं कि यूपी में मटर का कितना उत्पादन होता है. साथ ही जानते हैं, मटर के उत्पादन के मामले में देश के टॉप 5 राज्य कौन-कौन से हैं.
मटर के उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश देश का अव्वल राज्य है. यहां की जलवायु मटर के उत्पादन के लिए अनुकूल है. इस वजह से सबसे अधिक मटर का उत्पादन यूपी में होता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार देश में कुल उत्पादित होने वाली मटर में से उत्तर प्रदेश में अकेले 48.33 प्रतिशत मटर का उत्पादन किया जाता है.
मटर का उत्पादन लगभग देश के सभी राज्यों में होता है. लेकिन, सिर्फ 5 राज्यों में ही 85 फीसदी मटर का उत्पादन होता है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, झारखंड और हिमाचल प्रदेश में अकेले देश की 85 फीसदी मटर का उत्पादन होता है.
मटर के उत्पादन में उत्तर प्रदेश का देश में पहला स्थान है. तो वहीं देश में यूपी के बाद मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मटर का उत्पादन होता है. जहां कुल उत्पादन का 15.67 फीसदी उत्पादन होता है. इसके बाद पंजाब में कुल उत्पादन की 8.22 फीसदी मटर पैदा होती है. चौथे स्थान पर झारखंड है. जहां कुल उत्पादन का 6.28 फीसदी उत्पादन होता है. वहीं हिमाचल प्रदेश में 5.79 फीसदी मटर का उत्पादन होता है.
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रबी सीजन में खेती होने वाला मटर का फसल खेत की उर्वरकता को बढ़ाता है. इसकी कच्ची फलियों का उपयोग जहां सब्जी बनाने में किया जाता है. तो वहीं इसकी सूखी फलियों से दाल बनाया जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन पर्याप्त मात्रा में पाई जाती है. मटर पोषक तत्वों से भरपूर सब्जि है.
मटर की खेती करने के लिए अक्टूबर-नवंबर महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. इसके बीज को अंकुरित होने के लिए 20-22 डिग्री सेल्सियस के तापमान की जरुरत होती है. तो वहीं फसल के अच्छे विकास के लिए 10-15 डिग्री तापमान अनुकूल होता है. मटर की खेती सभी प्रकार के खेतों में की जा सकती है. लेकिन, इसके लिए रेतीली दोमट और चिकनी मिट्टी को ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
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