
देशभर के ज्यादातर हिस्सों में जमकर बारिश होने के चलते उत्तर प्रदेश से गुजरने वाली तकरीबन सभी प्रमुख नदियां उफनाई हुई हैं. गंगा, यमुना, राप्ती, गोमती समेत अन्य नदियों खतरे के निशान पर बह रही हैं. इसके चलते उन्नाव, कानपुर, इटावा, लखनऊ, गाजीपुर, जालौन समेत दो दर्जन से ज्यादा जिलों के सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है. जबकि, कई हजार एकड़ में खड़ी खरीफ सीजन की फसलें मक्का, मूंग, बाजरा, धान पानी में डूब गई हैं. इसके चलते किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान उठाना पड़ा है. किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने सीएम योगी को चिट्ठी लिखी है.
राष्ट्रीय लोक दल के नेता और केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश के बाढ़-बारिश से प्रभावित किसानों को जल्द जल्द मुआवजा देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. अतिवृष्टि से किसानों की फसलों के नुकसान पर केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश समेत ब्रज क्षेत्र के किसानों जल्द मुआवजा राशि जारी की जाए.
जयंत चौधरी ने लिखा कि पिछले दिनों मैंने उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र के दौरे के समय अनेक गांवों का भ्रमण किया है और यह देखने में आया है कि इस क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलों का अत्यधिक नुकसान हुआ है और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाये जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने लिखा कि पूरे उत्तर प्रदेश के साथ-साथ ब्रज क्षेत्र के प्रभावित गांवों का भी प्राथमिकता के आधार पर यथाशीघ्र सर्वे करवाकर यहां के बाढ़ पीड़ित किसानों को फसल बीमा योजना के लाभ के साथ-साथ उपयुक्त मुआवजे का भी लाभ दिलाया जाए.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली से होकर गुजरने वाली गंगा और उसकी सहायक नदी कर्मनाशा नदी बढ़े हुए जलस्तर ने लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. गंगा और कर्मनाशा नदी तटवर्ती इलाकों में पानी पहुंचने से धान और सब्जी की फसलों को काफी नुकसान हुआ है. गंगा और कर्मनाशा नदी के तटवर्ती इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई है. गंगा नदी के साथ-साथ करनास नदी के किनारे सब्जी और धान और चारा की फसलें डूब गई हैं. इससे जिले में 200 एकड़ से अधिक इलाके में सब्जी की फसलों को नुकसान पहुंचा है. मिर्जापुर में गंगा में बाढ़ के कारण करीब 70 गांव प्रभावित है. जनपद में गंगा के जलस्तर में तेजी के साथ वृद्धि हुई है. बाढ़ के कारण सदर तहसील के हरसिंहपुर, मल्लेपुर, बेलवन में मक्का, धान समेत अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.
लखनऊ से सटे और गंगा के किनारे बसे उन्नाव के तटीय इलाकों के गावों में गंगा का पानी घुस गया है. इससे सैकड़ों बीघे फसलें जलमग्न हो गई हैं. उन्नाव में बाढ़ के पानी से चार तहसीलें प्रभावित होती हैं. जिले में 300 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में खड़ी धान, तिल्ली और उड़द की फसलें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं. यहां कराए गए सर्वे के बाद अधिकारियों ने कहा कि जिनकी फसलें 33 फीसदी से ज्यादा बर्बाद हुई हैं उनकी ऑनलाइन फीडिंग करवा कर जल्द ही मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, लखनऊ के करीब सीतापुर में बैराजों से छोड़े जा रहे लाखों क्यूसेक पानी के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं. सरयू नदी में आए उफान से 80 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के किसानों का कहना है कि जनपद में बारिश से धान की फसल गिरी है और 15 से 20 फीसदी नुकसान हुआ है. बाजरा व ज्वार में 30 से 40 फीसदी, अरहर, उड़द व मूंग दलहन की फसलों में 35 से 45 फीसदी और सब्जियों में 15 से 25 फीसदी नुकसान की आशंका है. सबसे अधिक नुकसान पालक, गोभी, मिर्च, मूली और शलजम की फसल को है.
बुंदेलखंड में आने वाले झांसी, ललितपुर और जालौन में यमुना, चंबल, धसान, बेतवा, केन नदियों के बढ़े जलस्तर सैंकड़ों एकड़ में खड़ी फसलें डूब गई हैं. जालौन में किसानों ने 90 फीसदी दलहन की फसल बोई है जो लगभग पूरी तरह बर्बाद हो गई है. जालौन में अरहर, मूंग, उड़द, धान, तिली की खेती की जाती है. वहीं, ललितपुर जिले में भी बारिश और बाढ़ के चलते दलहनी फसलों को नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भर जाने की वजह से उड़द और मूंग की फसलें सड़ गयी हैं. उधर, झांसी जिले बारिश नदियों के उफान के चलते खेतों में पानी भरने के कारण उड़द, मूंग, तिल और मूंगफली की फसल डूब गई है. इनमें मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र के चूरारी, घाटकोटरा, पुरवा, अटारन समेत बाकी तहसील क्षेत्र के गांव शाामिल हैं.
औरैया, इटावा और कानपर में गंगा, यमुना और चंबल का जलस्तर बढ़ने से हजारों एकड़ खेती पानी में जलमग्न हो गई है. औरैया और इटावा में यमुना के साथ ही चंबल नदी के उफान से किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूब गई हैं. औरैया के जिला अधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी की तरफ से राजस्व विभाग की टीमों को लगाया गया है.
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