बारिश नहीं होने पर गन्ने का क्या करें किसान? सूखे से निजात दिलाएगी ये खाद

बारिश नहीं होने पर गन्ने का क्या करें किसान? सूखे से निजात दिलाएगी ये खाद

मध्य जून में किसानों को 100 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में उचित नमी सुनिश्चित कर डाल दें. खास बात यह है कि यूरिया को हमेशा गन्ने के पौधों के समीप डालें और इसके बाद गुड़ाई कर दें. फिर आप समय-समय पर जरूरत के हिसाब से सिंचाई एवं गुडा़ई करते रहें.

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बारिश नहीं होने पर गन्ने का क्या करें किसान? सूखे से निजात दिलाएगी ये खादगन्ना उत्पादक किसानों के लिए खास खबर. (सांकेतिक फोटो)

भारत विश्व का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है. यहां के उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार और आंध्र प्रदेश सहित पूरे देश में किसान बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती करते हैं. लेकिन गर्मियों के मौसम के दौरान जून महीने में कई बार बारिश नहीं होती है. ऐसे में फसल को नुकसान पहुंचने की भी संभावना बढ़ जाती है. पर किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. वे नीचे बताए गए तरीकों को अपनाकर गन्ने की फसलों को बारिश न होने की स्थिति में भी बचा सकते हैं.

एक्सपर्ट के मुताबिक, मध्य जून में किसानों को 100 किलो यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में उचित नमी सुनिश्चित कर डाल दें. खास बात यह है कि यूरिया को हमेशा गन्ने के पौधों के समीप डालें और इसके बाद गुड़ाई कर दें. फिर आप समय-समय पर जरूरत के हिसाब से सिंचाई एवं गुडा़ई करते रहें. अगर आप चाहें, तो पके हुए अन्तः फसल की फलियां तोड़कर फसल अवशेष को गन्ने की पंक्तियों के मध्य हल चलाकर मिट्टी में पलटकर खेत की सिंचाई कर दें. इससे गन्ने की फसल को फायदा होता है. अगर जून महीने में वर्षा नहीं हो रही है और सूखे जैसी स्थिति बन गई है, तब इथरेल 12 मिली को 100 लीटर पानी में घोलकर पत्तियां पर छिड़काव करें. यदि हरी-खाद फसल की बुआई करनी हो तो जून के अंत में बुआई कर दें.

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कीटों से कैसे करें फसलों की सुरक्षा

जानकारों का कहना है कि गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट भी लगते हैं. इसलिए इसकी तीसरी पीढ़ी की निगरानी के लिए 4 ट्रैप्स प्रति हेक्टेयर लगाएं. यदि सफेद तितलियां ट्रैपस में आने लगें तो खेत में कार्बोफयूराडान(3जी)33 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से या फोरेट(10जी) 30 किलोग्राम हेक्टेयर का प्रयोग उचित नमी रहने पर खेत में करें. इसका छिड़काव सुबह 10 बजे से पहले भरपेट भोजन के बाद मुंह व नाक ढक कर करें. नहीं तो, दवाई से निकली गैस से बेहोशी हो सकती है.

बीड़ी, सिगरेट और तम्बाकू का न करें इस्तेमाल

खास बात यह है कि इस दौरान बीड़ी, सिगरेट और तम्बाकू इत्यादि का प्रयोग छिड़काव के समय नहीं करें. साथ ही कार्बोफयूरॉन को यूनिया के साथ मिलाकर प्रयोग कभी नहीं करना चाहए. रोग व कीट ग्रसित पौधों को निकालकर नष्ट कर दें. जिन क्षेत्रों में सफेद गिडार आने की आशंका है, वहां पर प्रौढ़ कीट (बीटल) के नियंत्रण के लिए सामुदायिक स्तर पर जगह-जगह भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्धारा विकसित लाइट-फेरोमोन ट्रैप्स लगाएं. ट्रैप्स में इकट्ठा हुए कीटों को नष्ट कर दें . साथ ही साथ आस - पास के पेड़ों पर बैठे हुए कीटों को झाड़कर इकट्ठा कर नष्ट कर दें.

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