लखनऊ में छुट्टा जानवरों से मिलेगी बड़ी राहत, गोबर और गौमूत्र से तैयार हो रहे रंग बिरंगे प्रोडक्ट्स, किसानों की बढ़ी आमदनी

लखनऊ में छुट्टा जानवरों से मिलेगी बड़ी राहत, गोबर और गौमूत्र से तैयार हो रहे रंग बिरंगे प्रोडक्ट्स, किसानों की बढ़ी आमदनी

बीरपाल सिंह बताते हैं कि किसान कैसे हम गो सेवा के साथ ही आमदनी कर सकते हैं.  उन्होंने कहा कि गोबर और गोमूत्र से बनने वाली घरेलू उपयोग की वस्तुओं को बनाया जा रहा है.

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लखनऊ में छुट्टा जानवरों से मिलेगी बड़ी राहत, गोबर और गौमूत्र से तैयार हो रहे रंग बिरंगे प्रोडक्ट्स, किसानों की बढ़ी आमदनीगो प्रोडक्ट गायों की सेवा के साथ रोजगार भी (Photo-Kisan Tak)

UP News: उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए छुट्टा जानवरों (Stray Animals) की समस्या सबसे बड़ी है. इन जानवरों की फसलें चर जाने की घटनाएं लगातार सामने आती हैं. वहीं योगी सरकार बनने के बाद गोशाला पर फोकस किया गया और इसको लेकर एक बजट निर्धारित किया गया. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज के बिदौंवा स्थित प्रकृति भारती में गो सेवा अवध प्रांत ने एक बड़ी पहल की है. अब छुट्टा जानवरों की समस्या से बड़ी निजात मिलने वाली है. 

ऐसे होगी छुट्टा जानवरों की समस्या खत्म

किसान तक से बातचीत में सह प्रान्त संयोजक बीरपाल सिंह ने बताया कि गो प्रोडक्ट को लेकर एक बैठक लखनऊ में आयोजित की गई, जिसमें बताया गया कि किस तरह से हम आज के आधुनिक युग में गोबर और गौमूत्र से रंग बिरंगे प्रोडक्ट्स बनाकर किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ छुट्टा जानवरों की समस्याएं भी खत्म हो जाएंगी. उन्होंने बताया कि लखनऊ में 25 से अधिक किसान छुट्टा जानवरों को गोशाला में रखकर जहां गोपालन को बढ़ावा दे रहे है, वहीं दूसरी तरफ प्रोडक्ट बनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं.

मंजन, धूप बत्ती, दीपक समेत कई प्रोडक्ट्स

बीरपाल सिंह बताते हैं कि किसान कैसे हम गो सेवा के साथ ही आमदनी कर सकते हैं.  उन्होंने कहा कि गोबर और गोमूत्र से बनने वाली घरेलू उपयोग की वस्तुओं को बनाया जा रहा है. जिसमें मंजन, धूप बत्ती, दीपक, लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, गाय के गोबर से हवन की समिधा, गुनायल, शैम्पू, फेसवॉश आदि औषधि जैसे गोअर्क, अमृत धारा, बिलोना घी से अनेक उपचार आदि और देशी गाय के गोबर से प्राकृतिक खाद और गोमूत्र से कीट नियंत्रक बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

छुट्टा गोवंशों को गोद लेने वालों दिया जाता है भत्ता

बता दें कि छुट्टा गोवंशों को गोद लेने वालों के लिए एक योजना पहले से संचालित है. सहभागिता योजना के तहत छुट्टा जानवरों को गोद लेने वालों को उसके देखभाल के लिए  ₹50 प्रति दिवस के हिसाब से भत्ता भी दिया जाता है. वहीं महीने की ये राशि 1500 रुपये हो जाती है. सरकार और प्रशासन की तरफ से छुट्टा जानवरों से से निपटने के लिए तमाम कवायद की जा रही हैं.

 
 

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