अच्छे जमाव और ज्यादा पैदावार के लिए बोएं गन्ना की ये किस्में, बुआई का सही तरीका ये रहा

अच्छे जमाव और ज्यादा पैदावार के लिए बोएं गन्ना की ये किस्में, बुआई का सही तरीका ये रहा

शरदकालीन गन्ना खेती के लिए उन्नत किस्मों और सही बीज चयन की पूरी जानकारी. जानें बुआई का सही समय, पोषक तत्व प्रबंधन और कीट नियंत्रण के आसान उपाय जिससे बढ़ाएं गन्ने की उपज और गुणवत्ता.

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अच्छे जमाव और ज्यादा पैदावार के लिए बोएं गन्ना की ये किस्में, बुआई का सही तरीका ये रहाशरदकालीन गन्ने की उन्नत किस्में

गन्ना भारत की प्रमुख नकदी फसलों में से एक है. इसकी खेती सही समय, सही बीज और उचित देखभाल से बहुत अधिक लाभदायक हो सकती है. खासकर शरदकालीन गन्ना (अक्टूबर में बोया गया गन्ना) उच्च उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता के लिए जाना जाता है. इस कड़ी में हम आपको शरद यानी ठंड के मौसम में गन्ना की उन्नत किस्में, बीज चयन, बुआई, पोषक तत्व प्रबंधन और कीट नियंत्रण की पूरी जानकारी देंगे.

गन्ना बीज का सही चयन कैसे करें?

शरदकालीन गन्ने की बुआई के लिए 9-10 महीने पुराना, मोटा, ठोस, शुद्ध और रोग-मुक्त गन्ना ही बीज के रूप में चुनें. बीज में आंख (बड) पूरी तरह विकसित और फूली हुई होनी चाहिए. बुआई के लिए अक्टूबर का पहला पखवाड़ा सबसे अच्छा समय माना जाता है. यदि संभव हो तो पिछले साल बोये गए शरदकालीन गन्ने से ही बीज लें.

शरदकालीन गन्ने की उन्नत किस्में

गन्ने की किस्मों को उनके पकने के समय के अनुसार चुना जाता है:

  • जल्द पकने वाली किस्में:
  • को.एल.के.-14201
  • सी.ओ.16034
  • सी.ओ.17018
  • सी.ओ.15023

मध्यम से देर से पकने वाली किस्में:

  • को.शा.-767
  • को.शा.-8432
  • को.शा.-88216
  • को.शा.-97264
  • को.शा.-96275
  • पन्त-84212

ये सभी किस्में उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती हैं.

गन्ने की बुआई का सही तरीका

  • गन्ने की बुआई 75 सेमी की दूरी पर करें.
  • मिश्रित फसल (गन्ने के साथ आलू, चना, सरसों):
  • बुआई 90 सेमी की दूरी पर करें.

बीज की मात्रा:

  • एक आंख वाले टुकड़ों के लिए – 10 क्विंटल प्रति एकड़
  • दो आंख वाले टुकड़ों के लिए – 20 क्विंटल प्रति एकड़

बीज उपचार:

  • 205 ग्राम एरीटॉन या 500 ग्राम एगलॉल को 100 लीटर पानी में घोलें और 25 क्विंटल बीज को उसमें डुबोकर उपचार करें.
  • जैविक उपचार के लिए 1 लीटर एजोटोबैक्टर + 1 लीटर पी.एस.बी. को 100 लीटर पानी में मिलाएं.
  • रासायनिक उपचार के बाद बीज के टुकड़ों को इस जैविक घोल में 30 मिनट तक डुबोकर सुखाएं और फिर बुआई करें.

पोषक तत्व प्रबंधन (Fertilizer Management)

बुआई से पहले खेत में 10 टन प्रति हेक्टेयर ट्राइकोडर्मा मिला हुआ प्रेसमड या गोबर की खाद डालें. अगर मृदा परीक्षण नहीं हुआ है, तो नीचे दिए गए उर्वरक की मात्रा प्रति हेक्टेयर उपयोग करें:

  • नाइट्रोजन – 60-75 कि.ग्रा.
  • फॉस्फोरस – 60-80 कि.ग्रा.
  • पोटाश – 20-40 कि.ग्रा.
  • जिंक सल्फेट – 25 कि.ग्रा.

इससे गन्ने की जड़ें मजबूत होंगी और उत्पादन में बढ़ोतरी होगी.

पौध को कीट से बचाने का तरीका (Plant Protection)

  • दीमक, अंकुरबेधक और जड़बेधक कीटों से बचाव के उपाय:
  • क्लोरोपाइरीफॉस (20 ईसी) – 6.25 लीटर/हेक्टेयर
  • क्लोरेन्ट्रेनिलिप्रोल (18.5 एससी) – 500-600 मि.ली./हेक्टेयर
  • इन दोनों को 1500-1600 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

शरदकालीन गन्ना की उन्नत खेती करने के लिए बीज का सही चयन, उन्नत किस्में, संतुलित पोषक तत्व और कीट नियंत्रण बेहद जरूरी है. यदि इन बातों का ध्यान रखा जाए तो गन्ना उत्पादन में निश्चित रूप से अच्छी बढ़ोतरी होगी और किसान को अधिक मुनाफा मिलेगा.

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