रविवार रात और सोमवार सुबह हरियाणा के हिसार, भिवानी, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में अचानक आई भारी बारिश और तेज हवाओं ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं. खासतौर पर धान की खड़ी फसल को बड़ा नुकसान हुआ है. कुछ जगहों पर ओले भी गिरे, जिससे किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
पिछले 24 घंटों में हिसार में 47 मिमी बारिश दर्ज की गई. हांसी और नरवाना क्षेत्रों में ओले भी गिरे. इसके चलते तापमान गिरकर 18.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो कि राज्य में सबसे कम था. बारिश के कारण शहर के कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया है.
तेज़ हवाओं और मूसलधार बारिश ने खेतों में खड़ी धान की फसल को ज़मीन पर गिरा दिया है. इससे फसल की कटाई में भारी परेशानी होगी. किसान जयवीर सिंह ने बताया, “पहले अगस्त में हुई बारिश ने काफी नुकसान किया था. अब ये बारिश और ओले मिलकर फसल को पूरी तरह बर्बाद कर गए हैं.”
गांव मिर्ज़ापुर, घिराय और धांसू के किसानों ने बताया कि पहले ही नुकसान हुआ था, और अब जो फसल बची थी, वो भी बर्बाद हो गई. “धान ज़मीन पर गिर गया है, अब हार्वेस्टर काम नहीं आएंगे. मज़दूर लगाने पड़ेंगे, जिससे लागत बहुत बढ़ जाएगी,” एक किसान ने बताया.
किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि एक विशेष सर्वे कराकर फसल नुकसान का आकलन किया जाए और तुरंत मुआवजा दिया जाए. किसानों का कहना है कि “फसल कटाई के बिलकुल पहले ये तबाही आई है, सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए.”
इस बार के मौसम ने सिर्फ धान ही नहीं, बल्कि अन्य खरीफ फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है. खेतों में पानी भर गया है और फसलें सड़ने का डर है. इससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है.
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि अगले 24 घंटे तक हरियाणा के उत्तरी-पश्चिमी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश और बादल छाए रह सकते हैं. इससे राहत की उम्मीद कम है.
हिसार और आसपास के इलाकों में बारिश, आंधी और ओलों ने किसानों की कमर तोड़ दी है. धान की फसल को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है. अब सरकार से उम्मीद है कि जल्द से जल्द नुकसान का आकलन कर किसानों को राहत पहुंचाई जाएगी.
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