पंजाब के 19 जिलों में किसानों का बड़ा विरोध प्रदर्शन, बाढ़ मुआवजे और पराली जुर्माने पर सरकार के खिलाफ गरजे

पंजाब के 19 जिलों में किसानों का बड़ा विरोध प्रदर्शन, बाढ़ मुआवजे और पराली जुर्माने पर सरकार के खिलाफ गरजे

किसान संगठन ने 112 स्थानों पर किया प्रदर्शन, हजारों किसानों और मजदूरों ने ली भागीदारी. बाढ़ में खराब फसलों के लिए ₹70,000 प्रति एकड़ मुआवजे की मांग, खेत मजदूरों के लिए भी राहत. पराली जलाने पर एफआईआर और ₹30,000 जुर्माने के खिलाफ नाराजगी, वैकल्पिक प्रबंधन की मांग. प्रधानमंत्री ने राहत का ऐलान किया, पर किसान बोले—"यह नाकाफी है, चाहिए वास्तविक मदद".

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19 जिलों में किसानों का बड़ा विरोध प्रदर्शन, पराली जुर्माने पर सरकार के खिलाफ गरजेकिसान नेता सरवन सिंह पंधेर

पंजाब के 19 जिलों में 112 जगहों पर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार और केंद्र के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने विनाशकारी बाढ़ के लिए बेहतर मुआवजा और पराली जलाने पर लगने वाले जुर्माने में बदलाव की मांग की. किसान मजदूर मोर्चा (भारत) ने इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था और इसका नेतृत्व किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किया.

हजारों किसानों, मजदूरों और महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. सबने एकसुर में पंजाब और केंद्र सरकार की नीतियों और नए फरमान का विरोध किया.

किसान क्या चाहते हैं?

अमृतसर में एक सभा को संबोधित करते हुए, पंधेर ने कहा कि कई मांगें अभी तक अनसुलझी हैं. इनमें बाढ़ से खराब हुई धान की फसल के लिए 70,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा और खेतिहर मजदूरों के लिए उस राशि का 10 परसेंट, पशुधन और मुर्गी पालन के नुकसान के लिए पूरा मुआवजा, क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत और गेहूं की बुवाई के लिए मुफ्त डीजल, खाद और बीज शामिल हैं.

उन्होंने बाढ़ राहत के लिए पांच एकड़ की सीमा हटाने और पंजाब के बांधों से पानी छोड़े जाने की न्यायिक जांच की भी मांग की. पंधेर ने भविष्य में बाढ़ को रोकने के लिए स्थायी तटबंधों को बनाने का अनुरोध किया.

पराली जलाने के मुद्दे पर, पंधेर ने कहा कि 30,000 रुपये तक का जुर्माना, बाढ़ के मुआवजे के 20,000 रुपये से ज्यादा है. उन्होंने सरकार से पराली प्रबंधन की व्यवस्था करने या किसानों को खुद पराली प्रबंधन के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल या 6,000 रुपये प्रति एकड़ देने का आग्रह किया.

संगठन ने पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ एफआईआर, जुर्माना और रेड एंट्री को समाप्त करने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र से होने वाला प्रदूषण पर्यावरणीय क्षति का सबसे बड़ा कारण है.

अन्य मांगों में गन्ने का बकाया भुगतान, कपास और बासमती के उचित मूल्य सुनिश्चित करना और धान खरीद के दौरान कोई कटौती नहीं करना शामिल है.

पंजाब बाढ़ से तबाही

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ में लगभग 60 लोगों की मौत हो गई, 3 लाख लोग प्रभावित हुए और 4 लाख एकड़ फसल भूमि को नुकसान पहुंचा. केंद्र ने अंतरिम राहत के रूप में 1,600 करोड़ रुपये की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा करने और आपदा से प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया.

इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने बाढ़ प्रभावित राज्य पंजाब के लिए एडवांस में पीएम किसान सम्मान निधि जारी करने की बात कही. इसके बाद अभी कुछ दिन पहले पंजाब के लाखों किसानों के लिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने पीएम किसान योजना की राशि जारी की. इससे किसानों को जरूर राहत मिली है. हालांकि वे अधिक से अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं. इसी मांग के समर्थन में आज किसान संगठन के बैनर तले किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.

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