Mustard Variety: अक्टूबर में करें सरसों की अगेती बुवाई, ये किस्में देंगी 35 क्विंटल तक पैदावार

Mustard Variety: अक्टूबर में करें सरसों की अगेती बुवाई, ये किस्में देंगी 35 क्विंटल तक पैदावार

सरसों की अगेती बुवाई का समय आ गया है. जानिए IARI द्वारा सुझाई गई उन्नत किस्में, जो देंगी 30–35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार और बेहतर तेल गुणवत्ता. पूरी जानकारी आसान भाषा में.

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Mustard Variety: अक्टूबर में करें सरसों की अगेती बुवाई, ये किस्में देंगी 35 क्विंटल तक पैदावारसरसों की उन्नत किस्में

शरद ऋतु की ठंडक शुरू होते ही किसानों के लिए सरसों की बुवाई का सुनहरा मौका आ गया है. यह फसल न केवल तेल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि खली, पशु चारा और निर्यात के लिए भी बहुत लाभकारी मानी जाती है. सरसों की खेती किसानों की आय बढ़ाने का एक मजबूत जरिया बन सकती है.

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) का कहना है कि अगर किसान सही समय पर बुवाई करें और उन्नत किस्मों का चुनाव करें, तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 30–35 क्विंटल तक पैदावार मिल सकती है.

अगेती बुवाई क्यों है फायदेमंद?

सरसों की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय 10 अक्टूबर से 30 अक्टूबर के बीच माना जाता है. इस समय बुवाई करने से:

  • पौधे मजबूत और स्वस्थ बनते हैं
  • फसल ठंड और रोगों से सुरक्षित रहती है
  • जल्दी पकने के कारण बाजार में अच्छा दाम मिलता है
  • देरी से बुवाई करने पर पैदावार घट सकती है

कम एरोसिक एसिड वाली उन्नत किस्में

IARI ने कुछ Low Erucic Acid किस्में विकसित की हैं जो स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और उपज में बेहतर हैं. ये किस्में हैं:

  • पूसा करिश्मा: पहली कम एरोसिक सरसों किस्म, सुरक्षित तेल और अच्छी पैदावार
  • पूसा सरसों 21, 22, 24, 29: लंबी पौध, अच्छी उपज, देर से पकने वाली
  • पूसा सरसों 30: मोटे दाने, 30–35 क्विंटल/हेक्टेयर पैदावार
  • पूसा सरसों 32: 140–145 दिन में तैयार, 32–35 क्विंटल उपज

डबल जीरो किस्में: तेल और खली दोनों में बेहतरीन

Double Zero Mustard Varieties में न केवल तेल सुरक्षित होता है, बल्कि इनकी खली भी पोल्ट्री फार्मिंग के लिए उत्तम होती है. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी का अवसर मिलता है.

  • पूसा डबल जीरो 31: 140–145 दिनों में तैयार, 28–32 क्विंटल उपज
  • नई पूसा डबल जीरो (2025): 140 दिनों में तैयार, 32–34 क्विंटल उपज

भरोसेमंद सामान्य किस्में भी कारगर

यदि आप पारंपरिक किस्मों में भरोसा रखते हैं, तो ये किस्में भी काफी उपज देती हैं:

  • पूसा बोल्ड: मोटे दाने, हर मौसम में भरोसेमंद
  • पूसा जय किसान, पूसा जगन्नाथ: विभिन्न मौसम और क्षेत्रों के लिए अनुकूल
  • पूसा विजय: 145 दिनों में तैयार, 32–36 क्विंटल/हेक्टेयर उपज

बीज चयन और बुवाई में रखें ये बातें ध्यान

  • सही बीज चुनें: केवल प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोत से बीज खरीदें
  • बीजोपचार करें: बुवाई से पहले बीज का उपचार जरूर करें
  • खेत की तैयारी: गहरी जुताई करें, जल निकासी का ध्यान रखें

सरसों की उन्नत खेती से पाएं बंपर पैदावार

अगर आप इस बार सरसों की अगेती बुवाई करते हैं और IARI द्वारा अनुशंसित किस्मों का चयन करते हैं, तो निश्चित रूप से आपको अधिक पैदावार, बेहतर तेल गुणवत्ता और अच्छी आमदनी मिल सकती है. देरी न करें, आज ही बुवाई की तैयारी शुरू करें और वैज्ञानिक तरीके अपनाकर अपनी खेती को सफल बनाएं.

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