देशभर में कड़ाके की ठंड के बीच कई राज्यों में बारिश ने दस्तक दी है. सोमवार को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में हुई बारिश से किसानों को काफी राहत मिली है. मालूम हो कि पिछले दो हफ्ते से इन स्थानों पर अलग-अलग हिस्सों में शीतलहर और पाले से फसलों को नुकसान हो रहा था. ऐसे में सोमवार को हुई बारिश से मिट्टी और फसलों में नमी की जो कमी थी वो खत्म हो गई है. पंजाब और हरियाणा में गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों की खेती करने वाले किसानों को इस बारिश से खासा फायदा हुआ है. इलाके के कई हिस्सों में दिनभर हुई बारिश फसल की सेहत के लिहाज से एक दम सही समय हुई. इससे किसानों को अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है.
दि ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि अनुसंधान केंद्र, बठिंडा के निदेशक, डॉ. करमजीत सिंह सेखों ने कहा कि गेहूं की फसल को पाले से नुकसान हो रहा था, लेकिन सही समय पर हुई बारिश ने प्राकृतिक उपचार का काम किया है. हरियाणा के हिसार, जींद, महेंद्रगढ़, सिरसा, सोनीपत और पानीपत जैसे जिलों में बारिश हुई. वहीं, पंजाब में पटियाला, जालंधर, लुधियाना, मुक्तसर और दिनभर बारिश हो रही. बूंदाबांदी और बारिश से हाल ही में बिजाई गई फसलों को जरूरी नमी मिलने के साथ ही लहराती फसलों की पत्तियों से धूल छट गई, जो फसलों की सेहत के लिए अच्छी बात है.
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लुधियाना के गहौर गांव के रहने वाले किसान अमरीक सिंह ने कहा कि सोमवार को हुई बारिश पर खुशी जताते हुए कहा कि इससे फसल की सेहत अच्छी रहेगी. वहीं, हिसार के सुंडावास के रहने वाले किसान नवीन नेहरा ने कहा कि उन्होंने अपने खेत में सरसों और गेहूं की फसल लगाई है. सरसों की फसल को दो महीने हो चुके है और गेहूं की फसल का पहली सिंचाई का समय आ गया है. ऐसे में बारिश से दोनों फसलों को फायदा होगा.
वहीं, दोआबा इलाके के आलू किसानों ने कहा कि बूंदाबांदी से आलू फसल को अभी तो कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन बारिश जारी रहती है तो सड़न और झुलसा रोग का खतरा बढ़ सकता है. आलू की खेती करने वाले किसान जसविंदर संघा ने कहा कि अगर और बारिश हुई तो फसल के सड़ने और इसमें झुलसा रोग लगने की आशंका है. आने वाले दिनों में धूप से निकलने से अच्छी पैदावार में मदद मिलेगी.
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