पिछले 314 दिन से पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में अब एक नया मोड़ आ गया है. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन खनौरी बॉर्डर पर सोमवार को 28वें दिन भी जारी रहा. इसे लेकर सरकार टेंशन में है. यह आंदोलन मुख्य तौर पर एमएसपी की गारंटी को लेकर हो रहा है. इस बीच हरियाणा सरकार ने एमएसपी को लेकर ही एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले को लेकर सूबे के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने दावा किया कि हरियाणा एमएसपी पर 24 फसलों की खरीद करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
राणा ने कहा कि हरियाणा सरकार का सभी 24 नोटिफाइड फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए उठाया गया कदम किसानों के हित में एक मील का पत्थर साबित होगा. यह निर्णय कृषि क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेगा. राणा ने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए एमएसपी पर सभी नोटिफाइड फसलों की खरीद का फैसला लिया है. किसान दिवस उन्होंने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का आभार व्यक्त किया. राणा ने कहा कि सैनी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
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कृषि मंत्री ने बताया कि 5 अगस्त को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राज्य सरकार ने सभी नोटिफाइड फसलों की खरीद के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं. पहले से खरीदी जा रही फसलों जैसे धान, बाजरा, खरीफ मूंग, उड़द, अरहर, तिल, कपास, मूंगफली, गेहूं, सरसों, चना, मसूर, सूरजमुखी और गन्ना के साथ-साथ अब रागी, सोयाबीन, नाइजरसीड, सनफ्लावर, जौ, मक्का, ज्वार, जूट, कोपरा और समर मूंग को भी एमएसपी पर खरीदा जाएगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इन फसलों की खरीद के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को उनकी फसलों का स्थिर और लाभदायक मूल्य देना उनकी आय बढ़ाने, कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और उत्पादकता में सुधार के लिए बेहद आवश्यक है. बाजार में फसलों के मूल्य अक्सर अस्थिर और असमान रहते हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान होता है और आधुनिक तकनीकों को अपनाने में वे हिचकते हैं. ऐसे में नायब सिंह सैनी सरकार का यह फैसला कृषि और किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
राणा ने कहा कि कृषि उत्पादों की कीमतों में गिरावट से किसानों को बचाने के लिए राज्य सरकार कृषि मूल्य समर्थन प्रणाली का पालन कर रही है. एमएसपी के माध्यम से किसानों को उत्पादन लागत के साथ एक निश्चित लाभ मार्जिन की गारंटी दी जाती है. यह एमएसपी हर साल खरीफ और रबी सीजन के लिए केंद्र सरकार द्वारा कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय और घोषित की जाती है.
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