रबी सीजन की 6 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की घोषणा की गई है. केंद्र सरकार ने मसूर, जौ और कुसुम फसल के लिए किसानों को उचित दाम देने के इरादे से एमएसपी दर में बढ़ोत्तरी कर दी है. केंद्रीय कैबिनेट मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दे दी है. बता दें कि केंद्र ने गेहूं, चना और सरसों के एमएसपी को भी बढ़ा दिया है.
मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए जरूरी रबी फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोत्तरी केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है. एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई है. इस हिसाब से मार्जिन गेहूं के लिए 105 फीसदी है. इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 98 फीसदी, मसूर के लिए 89 फीसदी, चने के लिए 60 फीसदी, जौ के लिए 60 फीसदी, और कुसुम के लिए 50 फीसदी है. रबी फसलों के इस बढ़े हुए एमएसपी से किसानों को लाभकारी दाम मिलना पक्का होगा और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा.
केंद्रीय कैबिनेट ने रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोत्तरी को मंजूरी देते हुए 6 रबी फसलों का दाम बढ़ा दिया है. इससे किसानों को अपनी उपज का उचित दाम मिल सकेगा. एमएसपी में सबसे अधिक बढ़ोत्तरी रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल की गई है. इसके अलावा मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की गई है. इसके साथ ही चना के एमएसपी में 210 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. गेहूं के लिए 150 रुपये और सनफ्लावर यानी कुसुम के लिए 140 रुपये और जौ के लिए 130 रुपये एमएसपी प्रति क्विंटल पर बढ़ाया गया है.
रबी फसलें | MSP 2025-26 के लिए | MSP 2024-25 के लिए | MSP में बढ़ोत्तरी |
गेहूं | 2425 | 2275 | 150 |
जौ | 1980 | 1850 | 130 |
चना | 5650 | 5440 | 210 |
मसूर दाल | 6700 | 6425 | 275 |
रेपसीड-सरसों | 5950 | 5650 | 300 |
कुसुम | 5940 | 5800 | 140 |
फसलों की एमएसपी में बढ़ोत्तरी पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम के नेतृत्व वाली सरकार किसान हितैषी है. पिछले 10 वर्षों से MSP में निरंतर बढ़ोत्तरी इस बात का प्रमाण है कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए संकल्पित है. किसानों की आय बढ़े, उन्हें उत्पादन का उचित दाम मिले और कृषि तथा किसान का विकास हो, इसके लिए मोदी सरकार दिन-रात जुटी है.
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