त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले आम जनता के लिए राहत भरी खबर है. उपभोक्ताओं के मुख्य आहार आलू और चावल की कीमत में गिरावट शुरू हो गई है. इससे रिटेल मार्केट में इसका रेट सस्ता हुआ है. खास बात यह है कि पिछले 20 दिनों के अंदर आलू का रेट 8 प्रतिशत कम हुआ है, क्योंकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कोल्ड स्टोरेज में आलू का स्टॉक ओवरलोडेड हो गया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में आलू की कीमत में और कमी आएगी. ऐसे इस साल अक्टूबर में दशहरा और दीवाली है. यानी 2 महीने में आलू का रिटेल प्राइस और कम हो सकता है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते महीने आलू का अचानक रेट बढ़ने पर कीमत को नियंत्रित करने के लिए पश्चिन बंगाल सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगा दिया था. इसके अलावा उत्तर प्रदेश से उत्तर-पूर्वी राज्यों में आलू ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. इससे यूपी और बंगाल के कोल्ड स्टोरेज के आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया. इससे कीमतो में गिरावट शुरू हो गई. ऐसे भी दोनों राज्यों के कोल्ड स्टोरेज में ओवरलोड आलू का नवंबर से पहले इस्तेमाल किया जाना है. यानी मार्केट में अचनाक आलू की स्पलाई बढ़ने वाली है. इससे रिटेल प्राइस में गिरावट आना स्वाभाविक है.
ये भी पढ़ें- नासिक के लासलगांव मंडी में 36 फीसदी महंगा हुआ प्याज, अब खुदरा कीमतें भी बढ़ेंगी, जानें ताजा रेट
बंगाल में 20 दिन पहले 36 रुपये प्रति किलो पर बिकने वाले आलू की कीमतें अब 34 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं. हालांकि ममता बनर्जी ने पिछले मंगलवार को अगले सात दिनों के लिए आलू के अंतर-राज्यीय व्यापार की अनुमति दी थी. इस आधार पर कि राज्य में आलू की कमी नहीं होगी और कीमतें नहीं बढ़ेंगी. वहीं, उत्तर प्रदेश के आलू व्यापारियों का कहना है कि आलू के निर्यात रोकने के अचानक फैसले से आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है.
उत्तर प्रदेश के आलू व्यापारियों ने बताया कि उनके कुल उत्पादन 163 लाख टन का 50 प्रतिशत हिस्सा अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है और आने वाले हफ्तों में कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है. फेडरल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव अरविंद अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से नई फसल जल्द ही आनी शुरू हो जाएगी. हमारे कोल्ड स्टोरेज में बहुत अधिक स्टॉक है. पहले उसे खत्म करना होगा.
पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के सदस्य पतित पावन डे ने बताया कि इस साल कोल्ड स्टोरेज में 62 लाख टन आलू का स्टॉक किया गया था. अभी तक कोल्ड स्टोरेज में 12 लाख टन आलू पड़े हैं. राज्य को हर महीने 4 लाख टन आलू की जरूरत है. राज्य की खपत पूरी होने के बाद भी कोल्ड स्टोरेज में काफी मात्रा में आलू बचेगा. कीमतें पहले ही गिर चुकी हैं और संभावना है कि आगे भी गिर सकती हैं.
ये भी पढ़ें- ये हरा चारा बढ़ा देता है खेत की उर्वराशक्ति, बंजर जमीन से भी मिलती है तगड़ी पैदावार! उगाना भी सीखें
वहीं, इस साल खरीफ की फसल अच्छी होने की उम्मीद है, इसलिए चावल की कीमतों में भी गिरावट आनी शुरू हो गई है. चावल निर्यात और विपणन कंपनी राइसविला के सीईओ सूरज अग्रवाल ने कहा कि पिछले तीन महीनों में खुदरा स्तर पर बासमती चावल की कीमतें 75 रुपये प्रति किलो से गिरकर 60 रुपये प्रति किलो पर आ गई हैं, क्योंकि निर्यात बाजार इतना मजबूत नहीं है. वैश्विक बाजारों में कई देश भारत की तुलना में कम कीमत पर चावल की पेशकश कर रहे हैं. अभी भारत ने बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today