ये हरा चारा बढ़ा देता है खेत की उर्वराशक्ति, बंजर जमीन से भी मिलती है तगड़ी पैदावार! उगाना भी सीखें

ये हरा चारा बढ़ा देता है खेत की उर्वराशक्ति, बंजर जमीन से भी मिलती है तगड़ी पैदावार! उगाना भी सीखें

सालों से लगातार रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव करने से खेत की उपजाऊ शक्ति में कमी आई है. मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ढैंचा का उपयोग करें. ये एक दलहनी फसल है लेकिन इसका उपयोग हरी खाद के रूप में किया जाता है. आइए ढैंचा के उपयोग, फायदे और बुवाई से जुड़ी सारी बातें जान लें.

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ये हरा चारा बढ़ा देता है खेत की उर्वराशक्ति, बंजर जमीन से भी मिलती है तगड़ी पैदावार! उगाना भी सीखेंढैंचा की फसल

आज भी हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी खेती किसानी से जुड़ी है. खेती करने वाला हर किसान खेत से तगड़ी पैदावार चाहता है जिसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है उसके खेत की उपजाऊ क्षमता बेहतर होनी चाहिए. सालों से लगातार रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव करने से अगर आपके खेत की उपजाऊ शक्ति में कमी आई है, तो पैदावार निश्चित रूप से कम हो जाएगी. आज आपको एक खास हरे चारे के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इस्तेमाल करने से खेत की मिट्टी में नई जान आ जाती है. आइए जान लें कि ढैंचा क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है. 

ढैंचा की पहचान और उपयोग

देश के लगभग हर राज्यों में खेती की जाती है, लेकिन आज भी देश के अधिकांश किसान ढैंचा से अंजान है. आपको बता दें कि ढैंचा को एक दलहनी फसल के रूप में जाना जाता है. दलहनी फसलों की ही तरह ढैंचा की भी बकायदा खेती की जाती है. ढैंचा के तने और पत्तियों का इस्तेमाल हरी खाद बनाने के लिए किया जाता है. इतना ही नहीं इससे जानवरों के लिए पशु आहार भी बनाया जाता है. 

ढैंचा खाद से होने वाले फायदे

ढैंचा के तने और पत्तियों से हरी खाद बनाई जाती है. ये खाद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. किसानों को बता दें कि इसके उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्व और कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होती है. ढैंचा की बुवाई के लगभग 40 दिनों बाद इसकी कटाई कर मिट्टी में दबा दें. इसके बाद ये खाद खुद ब खुद मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ा देगी और खेत से खूब पैदावार मिलेगी. 

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ढैंचा की बुवाई का नियम 

ये एक दलहनी फसल के रूप में फेमस है लेकिन इसका सबसे अधिक उपयोग हरी खाद के रूप में किया जाता है. इसकी बुवाई आमतौर पर खरीफ सीजन में ही की जाती है लेकिन अगर पानी की व्यवस्था है तो कभी भी उगा सकते हैं. खरपतवार हटाने के लिए निराई और मिट्टी सूखने पर सिंचाई करें. खाद के लिए इस्तेमाल करना है तो 40 दिनों बाद कटाई कर सकते हैं. अगर अनाज के लिए खेती की है तो इसे तैयार होने में 150 दिन का भी समय लग सकता है. 

अगर आप खाद के लिए ढैंचा की बुवाई करने जा रहे हैं तो 20 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ बोएं. अगर अनाज के लिए इसकी खेती करने जा रहे हैं तो एक एकड़ के खेत में लगभग 10 किलोग्राम बीज बोने की सलाह दी जाती है. 

ढैंचा से कमाई करने का तरीका

खेती से कम समय में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए ढैंचा की खेती अच्छा विकल्प है. जैसा कि हमने पहले ही बता दिया है कि इसका उपयोग, अनाज, हरी खाद और पशु आहार के रूप में कर सकते हैं. कई उपयोग होने के कारण इसकी बाजार में जबरदस्त मांग है. आप ढैंचा उगा कर बाजार या ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के बीच बेच भी सकते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी खेती में कोई विशेष देखभाल की भी जरूरत नहीं होती है और मात्र 40-45 दिनों में ही खाद के लिए बेच सकते हैं. 

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