December Crop: दिसंबर में इन तीन सब्जियों की करें खेती, उपज में होगी वृद्धि, बढ़ जाएगी आमदनी!

December Crop: दिसंबर में इन तीन सब्जियों की करें खेती, उपज में होगी वृद्धि, बढ़ जाएगी आमदनी!

किसान रबी सीजन की फसलों की बुआई कर रहे हैं. किसान कुछ फसलों की अच्छी बुआई करके कम दिनों में बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. प्याज, टमाटर, मूली ऐसी ही फसलों में से एक हैं. इन faslon की खेती कर 50 दिन में अच्छी उपज प्राप्त कर मोटी कमाई भी की जा सकती है.

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December Crop: दिसंबर में इन तीन सब्जियों की करें खेती, उपज में होगी वृद्धि, बढ़ जाएगी आमदनी!दिसंबर माह में करें इन 3 फसलों की खेती

दिसंबर का महीना आने वाला है. किसान रबी फसल की बुआई में व्यस्त हैं. रबी मौसम की मुख्य फसल गेहूँ है. इस समय देश के ज्यादातर इलाकों में गेहूं की बुआई चल रही है. लेकिन कुछ फसलें ऐसी भी हैं जिन्हें आसानी से और बहुत ही सीमित क्षेत्र में बोया जा सकता है. 50 दिन में अच्छी उपज प्राप्त कर मोटी कमाई भी की जा सकती है. आइए आज जानते हैं तीन ऐसी फसलों के बारे में, जिन्हें दिसंबर में बोकर पैसा कमाया जा सकता है.

प्याज की खेती (Onion Farming)

प्याज रबी और ख़रीफ़ दोनों मौसम की फसल है. रबी सीजन में इसकी बुआई नवंबर में शुरू की जाती है, जो दिसंबर तक चलती है. इसकी बुआई के तरीकों पर नजर डालें तो इसे नर्सरी में तैयार किया जाता है. एक हेक्टेयर खेत के लिए 10 से 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. पौध तैयार करने के लिए 1000 से 1200 वर्ग मीटर में बुआई की जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि प्याज की बेहतर पैदावार के लिए एक वर्ग मीटर में 10 ग्राम बीज बोना चाहिए. यह एक पंक्ति में होना चाहिए तथा पंक्ति में बीज के बीच की दूरी दो से 3 सेंटीमीटर होनी चाहिए तथा बीज दो से ढाई मीटर की गहराई पर बोना चाहिए. इसकी सिंचाई ड्रिप सिंचाई या स्प्रिंकलर से करनी चाहिए. बुआई क्षेत्र को थोड़ा ढककर रखें. जब पौधा खड़ा हो जाए तो ढक्कन हटा दें.

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टमाटर की खेती (Tomato Farming)

टमाटर की खेती दिसंबर में भी की जा सकती है. नर्सरी में दो तरह के बेड बनाए जाते हैं. एक ऊंचा बिस्तर और दूसरा सपाट. गर्मियों में समतल क्यारियों पर पौधों की बुआई की जाती है, जबकि अन्य मौसमों में ऊँची क्यारियों का उपयोग किया जाता है. 25 से 30 दिन में पौधे नर्सरी में रोपाई के लायक हो जाते हैं. हालाँकि, कुछ जगहों पर इसमें अधिक समय लग सकता है. कतार की दूरी 60 सेमी और पौधे की दूरी 45 सेमी होनी चाहिए. शाम के समय पौधा लगाएं और उसकी सिंचाई भी करें. टमाटर की अच्छी किस्मों में अर्का विकास, सर्वोदय, सेलेक्शन-4, 5-18 स्मिथ, समय किंग, टमाटर 108, अंकुश, विक्रंक, विपुलन, विशाल, अदिति, अजय, अमर, करीना आदि शामिल हैं.

मूली की खेती (Radish Farming)

मूली ठंडी जलवायु की फसल है अर्थात ठंडी जलवायु होने पर इसकी पैदावार अच्छी होती है. इसकी पैदावार दोमट या रेतीली मिट्टी में अच्छी होती है. इसकी बुआई की विधि पर नजर डालें तो यह मेड़ों और क्यारियों में भी की जाती है. लाइन से लाइन या रिज से रिज के बीच की दूरी 45 से 50 सेमी और ऊंचाई 20 से 25 सेमी रखनी चाहिए. पौधे से पौधे की दूरी 5 से 8 सेंटीमीटर रखें तो बेहतर है. एक हेक्टेयर में लगभग 12 किलो मूली के बीज लगते हैं. मूली के बीज का उपचार 2.5 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से करना चाहिए. बीजों को 5 लीटर गौमूत्र से भी उपचारित किया जा सकता है. इसके बाद ही बीज उपयोग योग्य हो पाते हैं. इन्हें 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए. मूली की अच्छी किस्मों पर नजर डालें तो जापानी सफेद, पूसा देशी, पूसा चेतकी, अर्का निशांत, जौनपुरी, बॉम्बे रेड, पूसा रेशमी, पंजाब अगेती, पंजाब सफेद, आई.एच. आर1-1 और कल्याणपुर शामिल हैं.


 
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