हरियाणा के करनाल जिले में धान की सरकारी खरीद शुरू हो गई है. धान की खरीद एक अक्टूबर से शुरू होने वाली थी लेकिन इस बार एक हफ्ते पहले 25 सितंबर से ही खरीद शुरू हो गई है. हालांकि धान की खरीद की गति धीमी है. इस बार दाम भी कम मिलने की आशंका है क्योंकि धान में नमी है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हाल के दिनों में बारिश से धान की खड़ी फसल प्रभावित हुई है. धान की बालियों में भी पानी घुस गया जिससे उपज भारी हो गई. इससे बासमती के दाम में कमी आने की आशंका बनी हुई है.
खरीद केंद्रों पर आने वाले धान में नमी की अधिक मात्रा किसानों, आढ़तियों और खरीद एजेंसियों के लिए चिंता का विषय है. धान में आई नमी की वजह से किसानों को उनकी फसलों का दाम नहीं मिल रहा है. वहीं आढ़ती भी धान की खरीदारी करने में आनाकानी कर रहे हैं.
बारिश की वजह से धान में नमी की निर्धारित सीमा 17 प्रतिशत है, जबकि कुछ फसलों में नमी की मात्रा 20 से 27 प्रतिशत के बीच देखी जा रही है. इसके कारण किसानों को अपनी फसल बेचने का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं डीएफएससी अनिल कालरा ने बताया कि निर्धारित सीमा के भीतर नमी वाले धान की खरीद शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अधिक नमी वाला अनाज नहीं खरीद सकते हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न अनाज मंडियों में खरीद के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है. गनी बैग भी आवंटित कर दिए गए हैं और खरीदे गए धान को उठाने के लिए ट्रांसपोर्टरों की भी नियुक्त कर दी गई है.
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वहीं राज्य के किसानों ने धान में नमी के लिए जलवायु परिस्थितियों को जिम्मेदार ठहराया है और सरकार से छूट जारी करने की मांग की है. बीकेयू (सर छोटू राम) के किसान नेता बहादुर सिंह मेहला ने कहा कि किसानों के पास अपनी फसल काटने के अलावा कोई विकल्प नहीं था क्योंकि बारिश इसे नष्ट कर सकती थी. हाल ही में आई बाढ़ और बारिश के कारण उन्हें पहले ही भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. सरकार को उन्हें आगे के नुकसान से बचाने के लिए नमी की मात्रा में छूट देनी चाहिए.
घरौंडा मार्केट कमेटी के सचिव सुंदर सिंह कंबोज ने कहा कि एजेंसियों द्वारा खरीद शुरू कर दी गई है. अनाज के कुछ ढेरों में नमी की मात्रा अधिक पाई गई है. उन्होंने कहा कि किसानों से धान के सूखे दाने लाने की अपील करता हूं, ताकि उनकी उपज खरीदी जा सके.
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