Haryana News: मंडियों में किसानों का बुरा हाल, बाजरे को नहीं मिल रहा सरकारी रेट, धान का हाल भी बेहाल

Haryana News: मंडियों में किसानों का बुरा हाल, बाजरे को नहीं मिल रहा सरकारी रेट, धान का हाल भी बेहाल

Haryana News: हरियाणा के पलवल अनाज मंडी में अभी तक बाजरा और धान की खरीद शुरू नहीं की गई है. बाजार समिति के एक अधिकारी ने कहा कि खरीद की घोषणा होने के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने अभी तक जिले की अधिकांश मंडियों में बाजरा और धान की खरीद शुरू नहीं की है.

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Haryana News: मंडियों में किसानों का बुरा हाल, बाजरे को नहीं मिल रहा सरकारी रेट, धान का हाल भी बेहालमंडियों में किसानों का बुरा हाल, बाजरे को नहीं मिल रहा सरकारी रेट

हरियाणा के पलवल अनाज मंडी में अभी तक खरीफ फसलों यानी बाजरा और धान की खरीद शुरू नहीं की गई है. बताया जा रहा है कि बाजरा की MSP राशि 2,500 रुपये के मुकाबले 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत मिल रही है जिससे किसान परेशान हैं. दूसरी ओर निजी एजेंसियां बासमती चावल की 1509 किस्म को 3,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही हैं. इस तरह बाजरा और बासमती चावल के रेट में भारी अंतर है जिससे किसान परेशान हैं. वहीं धान की परमल किस्म की आधिकारिक खरीद अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक शुरू होने की उम्मीद है.

बाजार समिति के एक अधिकारी ने कहा कि खरीद की घोषणा होने के बावजूद सरकारी एजेंसियों ने अभी तक जिले की अधिकांश मंडियों में बाजरा और धान की खरीद शुरू नहीं की है. दूसरी ओर जिन मंडियों में खरीद शुरू भी हुई है वहां रेट न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि एमएसपी से कम मिल रहा है. 2,200 रुपये की MSP के मुकाबले निजी व्यापारी बाजरे की खरीद 1,900 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर कर रहे हैं.

खरीद में देरी के लिए अधिकारी दोषी

कमीशन एजेंट एसोसिएशन के पदाधिकारी गौरव तेवतिया ने खरीद में देरी के लिए अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए कहा कि बाजरे की खरीद के लिए किसी आधिकारिक एजेंसी को नहीं चुना गया है, जिससे किसानों को प्रति क्विंटल 300 रुपये का नुकसान हो रहा है.  उन्होंने कहा कि उत्पादकों को यकीन नहीं है कि कुछ साल पहले शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना के माध्यम से नुकसान की भरपाई की जाएगी भी या नहीं.

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गौरव तेवतिया ने ‘दि ट्रिब्यून’ से कहा, फसल बेचने के लिए सरकारी पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराने में गड़बड़ी आ रही है. इससे अब तक केवल 35 प्रतिशत धान किसान ही रजिस्टर हो पाए हैं. इससे संभावना है कि उनमें से अधिकांश लोग अपनी खरीफ फसलें एमएसपी से नीचे ही बेचेंगे. यहां की मंडियों में लगभग 2,200 क्विंटल बाजरा, 5,400 क्विंटल गांठ कपास और 20,000 क्विंटल से अधिक बासमती धान की आवक हुई है.

MSP पर नहीं खरीदी जा रही फसल

मानपुर गांव के किसान राजबीर रावत ने कहा कि होडल मंडी में किसानों को इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि मंडी में सैकड़ों क्विंटल 1509 और परमल किस्म का धान आया था, लेकिन खरीद निजी व्यापारियों द्वारा की गई थी. रावत ने दावा किया कि 1509 किस्म की दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है, परमल किस्म 2,200 रुपये की MSP के मुकाबले 2,000 रुपये की दर पर खरीदी जा रही है.

जल्द खरीद जल्द शुरू होने की उम्मीद 

एक और किसान रणबीर ने कहा कि इस साल बाजरा और धान की फसल का प्रति एकड़ उत्पादन 1,600 से 1,800 किलो के बीच रहा है, जबकि पिछले साल प्रति एकड़ 2,400 से 2800 किलो का उत्पादन हुआ था. ऐसा माना जा रहा है कि मुख्य रूप से कम बारिश और अधिक तापमान के कारण धान में 35 फीसदी तक की गिरावट आई है. पलवल मार्केट कमेटी के सचिव मनदीप सिंह ने कहा कि खाद्य और आपूर्ति विभाग और हरियाणा वेयरहाउस कॉरपोरेशन को परमल की खरीद के लिए आधिकारिक एजेंसियों के रूप में नामित किया गया है, लेकिन बाजरा खरीद के लिए एजेंसी के नाम की घोषणा अभी तक नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि धान की आधिकारिक खरीद जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

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