गाजियाबाद के साहिबाबाद में फल मंडी में बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया गया. पाकिस्तान के समर्थन में तुर्किये के खुलकर सामने आने के बाद, फल व्यापारियों ने तुर्किये से सेब का आयात पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है. व्यापारियों ने यह निर्णय देश की सुरक्षा, सेना और सरकार के प्रति एकजुटता दिखाते हुए लिया. उनका कहना है कि यह केवल एक आर्थिक कदम नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भावना से प्रेरित फैसला है.
व्यापारी साफ-साफ कहते हैं जो भी देश पाकिस्तान का समर्थन करेगा, हम उससे व्यापार नहीं करेंगे. वहीं इस बहिष्कार को आम नागरिकों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है. इसका नतीजा है कि तुर्की के सेब अब यहां गाजियाबाद के बाजारों से गायब हैं. फलों के व्यापारियों ने साफ कर दिया है कि 'जो भी देश पाकिस्तान का समर्थन करेगा, हम वहां से न तो आयात करेंगे और न ही निर्यात. हम भारत सरकार और भारतीय सेना के साथ खड़े हैं.'
फसली सीजन में तुर्किये से करीब 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये के सेब भारत में आयात किए जाते हैं. लेकिन अब इन सेबों की जगह अन्य देशों और घरेलू स्रोतों से फलों की आपूर्ति की जा रही है. इस बायकॉट को स्थानीय नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है. साहिबाबाद मंडी से तुर्की से आयातित सेब पूरी तरह गायब हो चुके हैं. व्यापारियों का यह रुख देशभक्ति की भावना का प्रतीक है और यह संदेश दे रहा है कि देशहित सर्वोपरि है.
इस फैसले ने एक बार फिर दिखा दिया कि देश के व्यापारी भी सिर्फ मुनाफे से नहीं बल्कि देशभक्ति से भी कारोबार करते हैं. यह कदम सरकार और सेना को आम नागरिकों की तरफ से मिल रहे आम लोगों के अप्रत्यक्ष समर्थन भी दर्शाता है. साहिबाबाद मंडी से निकला व्यापारियों का यह संदेश साफ है कि यहां व्यापारियों के लिए देश पहले है व्यापार बाद में.
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकियों के नौ ठिकानों को निशाना बनाया था. इस संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने तुर्की में बने ड्रोन्स का प्रयोग किया था और उसका मकसद इन ड्रोन्स की मदद से भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था. अब भारत की जनता और व्यापारी, दोनों देशों के बहिष्कार पर उतरे आए हैं. सेब के अलावा कई ऑनलाइन ट्रैवल साइट्स जैसे ईजमाईट्रिप और इक्सिगो ने अपने ग्राहकों को तुर्की न जाने की सलाह दे दी है. दूसरी ओर से उन भारतीय व्यापारियों ने मोर्चा संभाल लिया है जो तुर्की के साथ सेब और संगरमरमर का व्यापार करते हैं.
(मयंक गौड़ की रिपोर्ट)
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