इस साल देश में प्याज का संकट गहरा सकता है. क्योंकि पिछले साल के मुकाबले इस बार उत्पांदन में 47 लाख टन से अधिक की कमी का अनुमान है. केंद्र सरकार ने 2022-23 के बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन के अंतिम अनुमान के साथ ही 2023-24 के पहले अग्रिम अनुमान को भी जारी कर दिया है. इसी में इस बात का खुलासा हुआ है. वर्ष 2023-24 में प्याज का उत्पादन (पहला अग्रिम अनुमान) पिछले वर्ष के लगभग 302.08 लाख टन के उत्पादन की तुलना में लगभग 254.73 लाख टन ही होने की संभावना है. इसकी वजह यह है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में उत्पादन घट गया है. महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन उत्पादन कम हो गया है. इसकी वजह से प्याज महंगा हो सकता है.
कृषि विभाग ने राज्यों और अन्य सरकारी स्रोत एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर संकलित विभिन्न बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का वर्ष 2022-23 का अंतिम अनुमान तथा वर्ष 2023-24 का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया गया है. कुल बागवानी क्षेत्र और उत्पादन में इजाफा हुआ है. साल 2021-22 में बागवानी फसलों का क्षेत्र 28.04 मिलियन हेक्टेयर था. जो 2023-2024 के पहले अग्रिम अनुमान में बढ़कर 28.77 मिलियन हेक्टेयर हो गया है. बागवानी फसलों का उत्पादन 2021-22 में 347.18 मिलियन टन था, जो 2023-2024 के पहले अग्रिम अनुमान में बढ़कर 355.25 लाख टन हो गया है.
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