गुजरात के अहमदाबाद में फोर्टिफाइड आटे के 7 नए ब्रांड लॉन्च हुए हैं. नए लॉन्च किए गए फोर्टिफाइड आटा ब्रांड जैसे लालवानी हैरी का चक्की आटा (ब्राइट स्टार फूड्स) के साथ-साथ राधे माखन (भव्य फूड प्रोडक्ट्स), माधवन भोग (रिद्धि सिद्धि ग्रेन प्रोसेसिंग), राजभोग (राधाजी प्रोटीन्स), राजश्री (गिरिराज फूड इंडस्ट्री), रोहिणी गोल्ड (रोहिणी दालें और फूड्स), और ज़म-ज़म, मुस्कान, शुद्ध (फॉर्च्यून प्रोटीन्स) अब पूरे गुजरात के खुले बाजारों में उपलब्ध होंगे. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में ये जानकारी दी गई.
मिलर्स फॉर न्यूट्रिशन, इंडिया के कंट्री प्रोग्राम मैनेजर अभिषेक शुक्ला ने बताया कि उद्योग नवाचार को सामाजिक प्रभाव के साथ जोड़कर, हम एक ऐसा मॉडल बना रहे हैं जिसे पूरे भारत में लागू किया जा सकता है. गुजरात में यह लॉन्च न केवल नए ब्रांडों के लिए, बल्कि फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में विश्वास पैदा करने के लिए भी है. मिलर्स फॉर न्यूट्रिशन तकनीकी सहायता, गुणवत्ता आश्वासन और बाज़ार की जानकारी के साथ मिलर्स के साथ चलने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि फोर्टिफिकेशन एक व्यावसायिक लाभ के साथ-साथ एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समाधान भी बन सके.
टेक्नोसर्व के वरिष्ठ प्रैक्टिस लीडर और मिलर्स फॉर न्यूट्रिशन एशिया के प्रोग्राम लीड मोनोजीत इंद्र ने कहा कि कुपोषण और एनीमिया के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए साहसिक उद्योग नेतृत्व की आवश्यकता है, और मिलर्स फॉर न्यूट्रिशन को इस बदलाव का नेतृत्व करने पर गर्व है. गुजरात में आज का शुभारंभ दर्शाता है कि मिलर्स कैसे आगे बढ़कर रोज़मर्रा की ज़रूरतों जैसे गेहूं के आटे को आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 से समृद्ध कर सकते हैं ताकि जरूरी पोषक तत्व ज़्यादा से ज़्यादा घरों तक पहुंच सकें. ऐसा करने से हम एक स्वस्थ और मजबूत राष्ट्र के करीब पहुंचेंगे.
गौरतलब है कि भारत सरकार देश के हर नागरिक तक पोषण पहुंचाने की हर संभव प्रयास में लगी है. इसी क्रम में गेहूं और आटे के दाम को कम करने की कोशिश में सरकार पिछले साल से ही जुटी हुई है. इसके तहत पिछले एक साल में ओएमएसएस के तहत करीब 100 लाख टन गेहूं फ्लोर मिलर्स और सहकारी एजेंसियों को बहुत रियायती दर पर दिया है. मगर इसमें एक पहलू ये भी है कि जिस गेहूं की आर्थिक लागत लगभग 30 रुपये आती है उसे 22-23 रुपये प्रति किलो के भाव पर बेच दिया जाता है, उसके बावजूद भी न गेहूं सस्ता हुआ और न आटा. इस बात की तस्दीक खुद सरकारी रिपोर्ट करती है.
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