Rajasthan Rain: बारां जिले में बेमौसम बारिश, फसलें गलने की कगार पर, बिजली गिरने से किसान की मौत

Rajasthan Rain: बारां जिले में बेमौसम बारिश, फसलें गलने की कगार पर, बिजली गिरने से किसान की मौत

बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खेतों में पहले से कटी पड़ी मक्का और सोयाबीन की फसलें पूरी तरह भीग गई हैं. इससे उनका सड़ना शुरू हो गया है. वहीं, कई जगहों पर खड़ी फसलें भी गलने लगी हैं. किसानों के अनुसार, इस समय रबी की बुवाई की तैयारियां चल रही थीं. कई किसानों ने सरसों जैसी फसलों की बुवाई शुरू भी कर दी थी.

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Rajasthan Rain: बारां जिले में बेमौसम बारिश, फसलें गलने की कगार पर, बिजली गिरने से किसान की मौतराजस्‍थान के बारां में बेमौसमी बारिश से किसानों की उम्‍मीदें टूटीं

जिले में अक्टूबर के महीने में हो रही बेमौसम बारिश ने एक बार फिर हालात बिगाड़ दिए हैं. लगातार झमाझम बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और कई मार्गों पर पुलियाओं पर पानी बहने से रास्ते बंद हो गए हैं. तालाबों में भी पानी की चादर चल पड़ी है. मामोनी से गुना मार्ग पर रामपुर के पास पुलिया बह जाने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया. वहीं किशनगंज क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान की दर्दनाक मौत हो गई. 

किसानों की उम्‍मीदें टूटीं 

बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. खेतों में पहले से कटी पड़ी मक्का और सोयाबीन की फसलें पूरी तरह भीग गई हैं. इससे उनका सड़ना शुरू हो गया है. वहीं, कई जगहों पर खड़ी फसलें भी गलने लगी हैं. किसानों के अनुसार, इस समय रबी की बुवाई की तैयारियां चल रही थीं. कई किसानों ने सरसों जैसी फसलों की बुवाई शुरू भी कर दी थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है. कई किसानों ने सरसों जैसी फसलों के बीज भी बो दिए थे.  

6 अक्‍टूबर तक बारिश के आसार 

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 6 अक्टूबर तक बारिश जारी रह सकती है. बारां जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश और अतिवृष्टि का अलर्ट जारी किया गया है. रविवार को दिनभर धूप रहने के बाद शाम को मौसम अचानक बदला और शहर सहित जिले के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई. 

खेतों में भरा पानी 

बारिश के चलते खेतों में पानी भर गया है, जिससे खरीफ की फसलें खराब होने की पूरी आशंका जताई जा रही है. अतिवृष्टि और लगातार हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. किसान अब मौसम के स्थिर होने की उम्मीद लगाए बैठे हैं ताकि नुकसान को कुछ हद तक कम किया जा सके. 

(बारां से राम प्रसाद मेहता की रिपोर्ट)

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