इस बार मंडियों में हल्दी की आवक अधिक है. देश में उपज भी बंपर हुई है. इसकी वजह से हल्दी के दाम (turmeric rate) में पिछले साल की तुलना में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. पिछले साल हल्दी की बिकवाली जहां आठ और सवा आठ हजार प्रति कुंटल पर चल रही थी. वही इस साल मौजूदा सीजन में हल्दी का कारोबार छह हजार रुपये से 6400 रुपये के आसपास है. इस बार दाम में गिरावट के पीछे अधिक उपज को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. पिछले साल कोरोना महामारी के चलते भी हल्दी के दाम में तेजी थी. काढ़ा आदि में हल्दी के इस्तेमाल ने दाम बढ़ाने में मदद की थी.
महाराष्ट्र के सतारा जिले में हल्दी की बंपर पैदावार होती है. यहां के कराड में बड़ी संख्या में किसान हल्दी की पैदावार लेते हैं. यहां का मौजूदा दाम (turmeric rate) 6425 रुपये प्रति कुंटल चल रहा है जिस रेट पर व्यापारी किसानों से हल्दी खरीद रहे हैं. लगभग पूरे महाराष्ट्र में राजपुरा वेरायटी की हल्दी का यही दाम है. इस वेरायटी को अच्छा माना जाता है. बाकी हल्दी की वेरायटी महाराष्ट्र में छह हजार रुपये प्रति कुंटल पर चल रही है. पिछले साल की तुलना में देखें तो हल्दी के दाम प्रति कुंटल 2000 रुपये तक कम चल रहे हैं. इसकी वजह है हल्दी की आवक अधिक होना है. जितनी तेजी से आवक है, उतनी तेजी मांग में नहीं देखी जा रही जिससे हल्दी का कारोबार कम दाम पर देखा जा रहा है.
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अलग-अलग मंडियों की बात करें तो शनिवार सात दिसंबर को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में हल्दी का न्यूनतम दाम (turmeric rate) 5650 रुपये और अधिकतम 7301 रुपये रहा. औसत दाम 6055 रुपये प्रति कुंटल दर्ज किया गया. तमिलनाडु के सलेम में फिंगर हल्दी का दाम न्यूनतम 5550 रुपये और अधिकतम 7220 रुपये रहा. यहां औसत दाम 6640 रुपये रहा. सलेम के ही अट्टूर मंडी में न्यूनतम 4560 रुपये और अधिकतम 7790 रुपये जबकि औसत दाम 6570 रुपये दर्ज किया गया.
आंध्र प्रदेश के गुंटूर में डुग्गीराला मंडी में शुक्रवार को बल्ब हल्दी का न्यूनतम दाम (turmeric rate) 5611 रुपये, अधिकतम 5625 रुपये और औसत दाम 5625 रुपये रहा. शुक्रवार को ही तेलंगाना की निजामाबाद मंडी में बल्ब हल्दी का न्यूनतम दाम 3601 रुपये और अधिकतम 5211 रुपये दर्ज हुआ. यहां 5889 रुपये के औसत दाम पर हल्दी का कारोबार हुआ.
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भारत में सबसे अधिक हल्दी की खेती आंध्र प्रदेश में होती है. इसके बाद ओडिशा और कर्नाटक का नाम आता है. महाराष्ट्र में भी हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. आंध्र प्रदेश का देश के हल्दी उत्पादन में करीब 40 परसेंट की हिस्सेदारी है. इसके अलावा केरल, कर्नाटक, बंगाल, गुजरात, मेघालय और असम में भी हल्दी की खेती होती है.
सरकारी आंकड़े की मानें तो इस साल हल्दी के उत्पादन में बढ़त का अनुमान है. कृषि मंत्रालय का आंकड़ा बताता है कि पिछले साल की तुलना में इस साल हल्दी की उपज में 10 परसेंट की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. एक अनुमान के मुताबिक इस साल देश में हल्दी का कुल उत्पादन 13 लाख 31 हजार टन तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल हल्दी का उत्पादन 11 लाख टन ही हुआ था. कम उत्पादन के कारण पिछले साल हल्दी के दाम में तेजी देखी गई, जबकि इस बार मामला उलटा चल रहा है.
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