सब्जी की बढ़ती महंगाई ने जहां लोगों की जेब को ढीला कर दिया है, वहीं अच्छी क्वालिटी के बीज की कमी किसानों के लिए नुकसान का जरिया बनती जा रही है. दरअसल, खेती-किसानी में बेहतर बीज का होना बहुत जरूरी होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अगर बीज बेहतर क्वालिटी का ना हो तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के नासिक जिले के सोनगांव से आया है जहां सोमनाथ खलकर नाम के किसान ने दो महीने पहले एक नर्सरी से वेलकम 303 कंपनी के फूलगोभी के बीज खरीद कर लगाए थे. इसके फल अब जगह-जगह से टूटे हुए नजर आ रहे हैं, जिससे खलकर को करीब चार लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
इस समय बाजार में सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं. ऐसे में फूलगोभी की भारी मांग है. खुदरा बाजार में एक फूलगोभी करीब 30 रुपये में बिकती है. चूंकि इस क्षेत्र में कम वर्षा होती है. ऐसे में खलकर ने अनुमान लगाया कि इस वर्ष फूलगोभी की अच्छी मांग होगी, इसलिए उन्होंने लगभग 16 हजार 500 पौधे खरीदे और एक एकड़ क्षेत्र में फूलगोभी लगाई. उन्होंने लगभग दो महीने तक जमीन की जुताई की, पौधा लगाया और उसकी देखभाल की. वहीं, इसकी खेती में उन्होंने करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च किए. लेकिन जब उनकी कमाई करने की बारी आई तब फूलगोभी अचानक लाल हो गई और कई जगह से फट गई. इससे उनको नुकसान हुआ है.
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किसान खलकर ने बताया कि मई के महीने में जब जलस्तर नीचे चला गया था, तब टैंकरों के माध्यम से कुएं से पानी निकालकर फूलगोभी की फसल वेलकम 303 लगाई गई थी. लगभग एक एकड़ क्षेत्र में खेती करने के कुछ दिन बाद सभी गोभी लाल हो गई. किसानों के मुताबिक करीब चार लाख का नुकसान हुआ है. वहीं, कृषि अधिकारियों को इसकी शिकायत दी गई है. लेकिन, कृषि अधिकारी फिर भी पंचनामा करने नहीं आए. कंपनी के प्रतिनिधि दीपक पाटिल ने कहा कि जब उन्होंने सोंगाओ में सोमनाथ खलकर के फूलगोभी के प्लॉट का दौरा किया, तो पता चला कि गोभी लाल रंग का हो गई है. इस संबंध में कंपनी को सूचित कर दिया गया है और वरिष्ठ इस संबंध में उचित निर्णय लेंगे.
इस किसान ने एक एकड़ में 16 हजार 500 पौधे लगाए. इसके बाद उन्होंने करीब दो महीने तक दवा का छिड़काव और कड़ी मेहनत करके फसल की देखभाल की. लेकिन अभी से ही फूलगोभी अचानक लाल होने लगी है और फट गई है. इससे किसान काफी परेशान है.
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