मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. राज्य सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मूंग की खरीद की तारीख को बढ़ा दिया है. खरीद प्रक्रिया 24 जून 2024 से शुरू हो गई है, जो 31 जुलाई तक जारी रहने वाली थी. लेकिन उसे बढ़ाकर 5 अगस्त कर दिया गया है. दरअसल, मध्य प्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग की खरीद 32 जिलों में की जाएगी. इस संबंध में तारीख बढ़ने की जानकारी कृषि विभाग, मध्य प्रदेश ने एक्स पर दी है.
कृषि विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार मूंग की खरीदी मध्य प्रदेश के इन 32 जिलों, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिंड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, भर, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, इंदौर और बालाघाट जिले में की जाएगी. इसी प्रकार उड़द की खरीदी जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मंडला, उमरिया, सिवनी और बालाघाट में की जाएगी.
ये भी पढ़ें:- ब्रोकोली की जैविक खेती से बढ़ी अरुणाचल की इस महिला किसान की कमाई, पत्ती बेचकर भी बढ़ी इनकम
जानकारी के अनुसार मूंग खरीद केंद्रों पर सप्ताह में पांच दिन (सोमवार से शुक्रवार) सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक खरीद होती आई है. ऐसे में जिन किसानों की मूंग अभी नहीं खरीदी गई है वे जल्द ही अपनी मूंग को बेच सकते हैं. केंद्रों पर शाम 6 बजे तक तौल पर्ची जारी की जाएगी. जिन किसानों की उपज किसी कारणों से सोमवार से शुक्रवार तक नहीं तौली जा सकी, उनकी उपज शनिवार को तौली जाएगी. भारत सरकार ने पिछले दिनों मार्केटिंग वर्ष 2024-25 के लिए मूंग का समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा की थी. सरकार ने मूंग पर 8558 प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है. इसी मूल्य पर खरीद केंद्रों पर किसानों से खरीद की जाएगी.
बीते 12 जुलाई से मूंग खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था, लेकिन अंतिम तिथि 31 जुलाई तक महज 500 क्विंटल मूंग की खरीदी की गई है. ऐसे में जिन किसानों का मूंग नहीं बिका है अपनी स्लॉट बुक करवा सकते हैं. वहीं, कई किसान 31 जुलाई तक स्लॉट न मिलने के कारण बिचौलिए को कम दामों पर मूंग बेच रहे हैं. उन किसानों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने मूंग खरीद की तारीख को 5 अगस्त तक बढ़ा दिया है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today