हरी भिंडी तो आपने खूब खाई होगी. सीजन या बिना सीजन हरी भिंडी का स्वाद आप खूब लेते हैं. लेकिन क्या कभी लाल भिंडी (laal bhindi) खाई है? लाल भिंडी (red okra) का रंग जितना खूबसूरत होता है, उतने ही खूबसूरत उसके सेहत के फायदे भी हैं. सुर्ख लाल रंग की यह भिंडी खरीदारों को खूब भाती है. इसका टेस्ट भी हरी भिंडी से अलग और अधिक स्वादिष्ट होता है. सेहत के फायदे की बात करें तो लाल भिंडी में आयरन, जिंक, कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है. सेहत के भरपूर फायदों की वजह से ही इसकी मांग अभी खूब बनी हुई है. इस भिंडी का वैज्ञानिक नाम काशी लालिमा (kashi lalima) है.
सेहत के फायदों के अलावा इस भिंडी के किसानों को भी भरपूर लाभ मिल रहा है. काशी लालिमा भिंडी बोने वाले किसान इसे बाजार में अधिकतम भाव पर बिक्री करते हैं. बाजार में नई उपज होने के चलते हाथों हाथ इसकी बिक्री हो जाती है और अच्छे दाम भी मिल जाते हैं. किसान एक हेक्टेयर में लाल भिंडी (laal bhindi) की 150-180 कुंटल तक पैदावार ले रहे हैं.
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भिंडी बोने के बाद अमूमन 50-55 दिन बाद उसकी पहली तुड़ाई होती है. लेकिन काशी लालिमा (kashi lalima) या लाल भिंडी (red okra) की तुड़ाई 45 दिन बाद शुरू हो जाती है. यानी फसल बोने के 45 दिन बाद उसकी उपज ली जा सकती है. इस भिंडी की लंबाई 11 से 14 सेंटीमीटर तक होती है.
काशी लालिमा का एक पौधा 20-22 भिंडी देता है. यह एक बार की उपज है. फिर जैसे-जैसे पौधा बढ़ेगा, उसकी उपज बढ़ती जाएगी. इस भिंडी (laal bhindi) की बुआई रबी सीजन में 15 जनवरी से 15 मार्च तक की जा सकती है. इसलिए किसान अभी से इसकी तैयारी कर लें, अगले महीने से लाल भिंडी की बुआई की जा सकती है. एक एकड़ खेत में 5-6 किलो तक बीज की जरूरत होगी. किसान अगर खरीफ सीजन में लाल भिंडी की बुआई करना चाहें तो इसका उपयुक्त समय 15 जून से 15 जुलाई है. खरीफ में प्रति एकड़ 3.5 किलो से 4 किलो तक बीज की जरूरत होगी.
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लाल भिंडी का रंग लाल होने से इसमें एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा अधिक होती है जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसमें एंथोसायनिन तत्व पाए जाने से इसका रंग लाल होता है. इसके अलावा लाल भिंडी (laal bhindi) में कैल्शियम, आइरन, जिंक की मात्रा अधिक पाई जाती है. कृषि वैज्ञानिकों की 8-10 साल की मेहनत के बाद लाल भिंडी काशी लालिमा (kashi lalima) की वेरायटी तैयार की गई है. इस भिंडी की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में हो रही है.
Madhya Pradesh | Misrilal Rajput, a Bhopal-based farmer, grows red okra (ladyfinger) in his garden.
— ANI (@ANI) September 5, 2021
"This is 5-7 times more expensive than ordinary ladyfingers. It's being sold at Rs 75-80 to Rs 300-400 per 250 gm/500 gm in some malls," he says pic.twitter.com/rI9ZnDWXUm
ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के किसान मिश्रीलाल राजपूत लाल भिंडी (laal bhindi) की खेती करते हैं जिन्हें अच्छी कमाई हो रही है. मिश्रीलाल राजपूत अपने छोटे से खेत में लाल भिंडी की खेती करते हैं. वे बताते हैं कि हरी भिंडी की तुलना में लाल भिंडी 5-7 गुना अधिक रेट पर बिकती है. यह भिंडी कुछ मॉल में 75 से 80 रुपये प्रति पाल तक बिक जाती है. इसकी कीमत 300-400 रुपये किलो तक चली जाती है, जबकि हरी भिंडी अधिक से अधिक 100 रुपये तक बिकती है.
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