हमारे देश में इन दिनों जायद सीजन में उगाई जाने वाली फसलों की खेती शुरू हो गई है. जायद सीजन में बागवानी फसलों की खेती की जाती है, जिसमें किसान फलों और सब्जियों की खेती करते हैं. आज आपको इससे हटकर फूल की खेती से होने वाले लाभ के बारे में बताते हैं. पिछले कुछ सालों से बड़े पैमाने में किसान फूलों की भी खेती करने लगे हैं. फूल उगाने वाले किसानों के लिए गेंदे का फूल बहुत ही अच्छा ऑप्शन है. आइए जान लेते हैं कि इसको उगाकर कमाई कैसे होगी, साथ ही गेंदा उगाने की आसान विधि के बारे में भी जान लेते हैं.
फूलों में गेंदा काफी सामान्य होता है, कहीं भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है लेकिन गेंदे की मांग जबरदस्त है. आपको बता दें कि गेंदे का उपयोग मंदिरों में भगवान को चढ़ाने से लेकर सजावट तक में उपयोग किया जाता है. गेंदे के फूलों से बनी सामान्य साइज की मालाओं की कीमत 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक होती है. शादियों और त्योहारों में इन फूलों की कीमत में और ज्यादा बढ़ोतरी होती है. गेदें का फूल किलो के हिसाब से भी बिकता है जिसकी कीमत भी ठीक-ठाक होती है. सजावट के लिए फूल खरीदने वाले क्विंटल-क्विंटल तक फूल एक बार में उठा लेते हैं. इस तरह से आप मांग और कमाई के बारे में जान चुके होंगे.
गेंदे के फूलों को उगाना कोई मुश्किल काम नहीं है इसकी खेती आसानी से की जा सकती है. फरवरी-मार्च के महीने में भी आप गेंदे की खेती कर सकते हैं. उगाने के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई कीजिए और फिर क्यारियों में खेत को बांट दीजिए. इन क्यारियों में कतारबद्ध तरीके से बीज या पौध की रोपाई करनी है. एक एकड़ के खेत में 600-800 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं.
ये भी पढ़ें: Gardening Tips: गुलाब के पौधे में आएंगे भर-भर के फूल, करने होंगे ये 3 जरूरी काम
रोपाई के तुरंत बाद ही पहली हल्की सिंचाई करें. अब हफ्ते में 3-4 बार सिंचाई की सलाह दी जाती है. गेंदे की सिंचाई के लिए टपक विधि का प्रयोग करना सबसे अच्छा माना जाता है. खाद की बात करें तो जब पौधे एक फिट के हो जाएं तो 3 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खाद देना चाहिए. चाहें तो बुवाई के 60-70 दिन बाद एक बार फिर खाद दें ताकि पौधों से बड़े आकार के फूल खिल सकें. पौध रोपाने के लगभग तीन महीने बाद से ही पौधे फूल देना शुरू कर देते हैं.
गेंदे के पौधे से लंबे समय तक फूल पाने के लिए उसका खास ध्यान रखने की जरूरत होती है. ध्यान रहे कि पौधों के आसपास पानी ना जमा होने पाए, इसके लिए क्यारियों के बीच-बीच में नालियां जरूर बनाएं ताकि बारिश या फिर सिंचाई का अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाए. पौधे की सूखी टहनियों को तिरछा काटना भी ना भूलें ताकि पौधों में नई-नई शाखाएं निकलती रहें और इसमें अधिक फूल लगें.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today