मौजूदा तापमान का गेहूं पर असर नहीं, फसल को लेकर परेशान न हों किसान

मौजूदा तापमान का गेहूं पर असर नहीं, फसल को लेकर परेशान न हों किसान

जाने माने गेहूं वैज्ञानिक डॉ. राजबीर यादव का कहना है कि पिछले साल के हालात को देखते हुए इस साल काफी किसानों ने गेहूं की ऐसी किस्मों की बुवाई की है जो गर्मी सहनशील हैं. अभी ठंडी हवा चल रही है न कि लू. इसलिए किसानों और उपभोक्ताओं किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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मौजूदा तापमान का गेहूं पर असर नहीं, फसल को लेकर परेशान न हों किसानमौजूदा तापमान का गेहूं पर असर नहीं

तापमान बढ़ने के साथ ही इस बात की आशंका जताई जाने लगी है कि गेहूं की फसल पर इस साल भी असर पड़ सकता है. लेकिन, इससे जुड़े कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी तक जितना तापमान है उसमें किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. अभी मौसम ठंडा है. दिल्ली में अधिकतम तापमान 25 और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस है. वैसे भी इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में हीट टॉलरेंट वैराइटी का गेहूं ज्यादा बोया गया है. इसलिए इतनी गर्मी सामान्य है.
 
जाने माने गेहूं वैज्ञानिक डॉ. राजबीर यादव का कहना है कि पिछले साल के हालात को देखते हुए इस साल काफी किसानों ने गेहूं की ऐसी किस्मों की बुवाई की है जो गर्मी सहनशील हैं. अभी ठंडी हवा चल रही है न कि लू. इसलिए किसानों और उपभोक्ताओं किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. अभी तक की स्थिति बता रही है कि गेहूं की बंपर पैदावार होगी. कृष‍ि मंत्रालय की एक र‍िपोर्ट के मुताबिक इस साल देश में 343.23 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई हुई है, जो पिछले साल से थोड़ी अधिक है.

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पिछले साल इसलिए गेहूं पर पड़ा था असर

हैदराबाद स्थित सेंट्रल र‍िसर्च इंस्टीट्यूट फॉर ड्राइलैंड एग्रीकल्चर (CRIDA) के वैज्ञान‍िकों की एक टीम के मुताब‍िक, पिछले साल यानी 2022 में 'मार्च और अप्रैल-2022 के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में औसत से 5 डिग्री सेल्सियस तक अधिक वृद्धि पाई गई थी, जो क‍ि देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य स्तर से काफी ऊपर थी. 'उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अप्रैल माह पिछले 122 वर्षों में सबसे गर्म रहा था. इसका औसत अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था.' इससे गेहूं का उत्पादन पर बुरा असर पड़ा. 

कितनी कम हुई थी उपज?

रिपोर्ट में बताया गया है क‍ि प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ब‍िहार, हर‍ियाणा, राजस्थान और पंजाब में मार्च और अप्रैल के दौरान भीषण लू के कारण गेहूं की उत्पादकता में प्रति हेक्टेयर 14 किलो की कमी पाई गई थी. इसलिए यह घटकर 3507 किलो प्रति हेक्टेयर रह गई थी. हालांकि इस साल अभी ऐसी कोई स्थिति बनती नहीं दिख रही है. अभी का तापमान गेहूं की उपज पर बुरा असर डालता नहीं दिख रहा है. अगर दिन का तापमान 30 डिग्री से अधिक और रात का 15 डिग्री से अधिक जाता है, तो गेहूं किसानों को चिंता करने की जरूरत पड़ सकती है.

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