हरियाणा में गेहूं खरीद प्रक्रिया के शुरू हुए आज 7 दिन हो गए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक नहीं हो रही है. अपनी उपज को बेचने के लिए किसान खरीद केंद्रों पर नहीं आ रहे हैं. खास बात यह है कि सोनीपत और पानीपत जिलों की अनाज मंडियों में अभी तक गेहूं फसल की आवक शुरू नहीं हुई है, जबकि इसकी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो गई है. साथ ही, अनाज के उठान और परिवहन के लिए टेंडर्स भी आवंटित नहीं किए गए हैं.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गेहूं की आवक पूरी तरह से कटाई पर आधारित है जो अभी शुरू नहीं हुई है. उम्मीद है कि अगले पांच से छह दिनों में अनाज मंडियों में फसल की आवक शुरू हो जाएगी. सरसों की फसल की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, सरकारी एजेंसियां राज्य भर में 414 खरीद केंद्रों से गेहूं की खरीद करेंगी, जिनमें से 24 सोनीपत में और 12 पानीपत जिलों में हैं. भैंसवान खुर्द गांव के किसान भगत सिंह ने कहा कि तापमान गेहूं की फसल के लिए अनुकूल है, लेकिन अभी इसकी कटाई शुरू नहीं हुई है.
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किसान ने कहा कि हालांकि सरकार ने 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू कर दी है, लेकिन अनाज मंडियों में इसकी आवक शुरू नहीं हुई है. हरियाणा आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष और पानीपत अनाज मंडी के अध्यक्ष धर्मबीर सिंह मलिक ने कहा कि अभी तक गेहूं की उचित आवक शुरू नहीं हुई है. सरसों की फसल की खरीद लगभग पूरी हो चुकी है.
वहीं बात अगर पंजाब की करें तो यहां पर गेहूं खरीद को लेकर हरियाणा जैसी ही स्थिति है. बीते दिनों खबर सामने आई थी कि लुधियाना स्थित एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में भी खरीद के लिए गेहूं का एक भी दाना पहले दिन नहीं आया है. कमीशन एजेंटों ने कहा कि उन्हें अगले सप्ताह से पहले आवक की उम्मीद नहीं है. इस साल सरकार की योजना 132 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने की है.
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कहा जा रहा है कि इस साल लंबे समय तक अच्छी सर्दी पड़ी है. इसके चलते गेहूं की फसल अभी नहीं पकी है. वहीं, हाल ही में हुई बारिश की वजह से गेहूं की फसल में नमी आ गई है. जब तक फसल पूरी तरह से सूख नहीं जाती है, उसकी कटाई नहीं की जा सकती है.
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