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UP News: बेमौसम बारिश से हापुड़ में गेहूं की फसल को हुआ भारी नुकसान, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा

UP News: बेमौसम बारिश से हापुड़ में गेहूं की फसल को हुआ भारी नुकसान, किसानों ने सरकार से मांगा मुआवजा

किसानों ने बताया कि जिस तरह से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है उसका शासन के द्वारा जो मूल्य दिया जाता है उससे भरपाई बड़ा मुश्किल होता है. हालांकि, उम्मीद है कि सरकार नुकसान का सही आकलन कर किसानों की स्थिति को समझते हुए राहत पहुंचाएगी.

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 बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुकसान (Photo-ANI UP) बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को काफी नुकसान (Photo-ANI UP)

Hapur News: उत्तर प्रदेश के हापुड में बारिश के कारण गेहूं की फसल (Wheat Crop) का काफी नुकसान हुआ है. इस समय किसान गेहूं की कटाई करते है, बारिश के कारण खड़ी फसल बिछ गई है. हालांकि किसान अब इसी फसल की कटाई कर रहे है. पिछले कुछ दिनों से देश के अनेक राज्यों में बेमौसम बारिश हुई है. जिसके कारण लाखों हेक्टर फसल खराब हुई है. हापुड के एक स्थानीय किसान (Farmers) का कहना है, "फिलहाल, फसलों को लगभग 25% नुकसान हुआ है और अभी  भी बारिश हो रही है. जानवरों को चारा भी नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को मुआवजे के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि मौसम अभी भी उपयुक्त नहीं है."

बता दें कि तेज हवाओं के साथ भारी बारिश के कारण उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है. वहीं बेमौसम बारिश से गेहूं, सरसों, आलू सहित कई अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा है. किसानों का कहना है कि, इस बारिश और तेज हवा के कारण खेतों में खड़े गेहूं के पौधे खेतों में गिर गए हैं. बारिश के कारण खेतों में पानी जमा होने से गेहूं के दाने सड़ रहे हैं. पिछले साल गेहूं के बेहतर दाम मिलने से किसानों ने अधिक रकबे में गेहूं की खेती की थी.

किसानों ने बताया कि जिस तरह से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है उसका शासन के द्वारा जो मूल्य दिया जाता है उससे भरपाई बड़ा मुश्किल होता है. हालांकि, उम्मीद है कि सरकार नुकसान का सही आकलन कर किसानों की स्थिति को समझते हुए राहत पहुंचाएगी. क्योंकि कई ऐसे किसान हैं जो क्रेडिट कार्ड के तहत लोन लेकर अपनी फसल उगाते हैं.

यूपी राहत आयुक्त कार्यालय में तैनात परियोजना डायरेक्टर अदिति उमराव ने किसान तक से बातचीत में बताया कि हर जिलों में सर्वे कराया जा रहा है. किसी भी जिले में 33 प्रतिशत से ऊपर फसलों के नुकसान की सूचना प्राप्त नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार की पॉलिसी के अनुसार प्राकृतिक आपदा से फसलाें काेे 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हाेने पर ही किसानों काे सहायता दी जा सकती है. इससे कम नुकसान में मुआवजा का काेई प्रावधान नहीं है. अगर किसी किसान ने प्रधानमंत्री फसल बीमा याेजना के तहत फसलाें का बीमा भी नहीं करवाया है और नुकसान 33 प्रतिशत से कम हुआ है ताे उनकाे किसी भी प्रकार सहायता नहीं मिलेगी.

इससे पहले किसानों को राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुआवजा देने का ऐलान किया था. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुआवजा सर्वेक्षण के 24 घंटों के भीतर दिया जाएगा, जहां अधिकारी यह निर्धारित करेंगे कि कोई विशेष किसान पात्र है या नहीं. मुख्यमंत्री ने बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की समीक्षा के बाद अधिकारियों को निर्देश दिये थे.