हरियाणा सरकार ने आखिरकार कपास की खरीद का कार्यक्रम जारी कर दिया. 'किसान तक' की खबर के बाद राज्य सरकार की नींद खुली और इस बारे में अधिकारियों को बैठक करनी पड़ी. इसके बाद देर रात सरकार ने एक बयान जारी करके कहा कि हरियाणा में खरीफ मार्केटिंग सीजन 2024- 25 के तहत कपास की खरीद 1 अक्टूबर 2024 से शुरू होगी. भारत सरकार के नियमानुसार भारतीय कपास निगम के माध्यम से कपास की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी. शुक्रवार 23 जून को हमने 'विधानसभा चुनाव से पहले एमएसपी पर अपनी घोषणा से 'मुकरी' सरकार, सिर्फ आठ फसलों को खरीदने का एलान' शीर्षक से खबर छापी थी. इसके बाद सरकार इस मामले को लेकर बैकफुट पर आ गई. हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने प्रेस को जारी एक बयान में इस मुद्दे को लेकर सैनी सरकार को आड़े हाथों लिया.
सीएम नायब सिंह सैनी ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का एलान किया है. ऐसे में सरकार को अपनी गलती समझ में आ गई. इसलिए खबर छपने के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए आनन-फानन में बैठक बुलाई गई. कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू की अध्यक्षता में कपास खरीद की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक हुई. डॉ. वुंडरू ने निर्देश दिए कि भारतीय कपास निगम को कपास खरीद प्रक्रिया में हर संभव सहयोग प्रदान किया जाए. भारतीय कपास निगम और हरियाणा सरकार द्वारा खरीद के लिए सभी प्रकार की तैयारियां कर ली गई हैं, जिससे किसानों को फसल खरीद में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी.
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बैठक में बताया गया कि हरियाणा में कपास की 2 किस्में प्रमुख हैं. जिनमें मीडियम लॉन्ग स्टेपल 26.5- 27.0 तथा लॉन्ग स्टेपल 27.5-28.5 शामिल हैं, जिनकी खरीद की जानी है. कपास के लिए प्रदेश भर में 20 खरीद केंद्र बनाए गए हैं. जिला भिवानी में सिवानी, डिगावा व भिवानी, जिला चरखी दादरी में चरखी दादरी, जिला फतेहाबाद में भाटू, भुना व फतेहाबाद, जिला हिसार में आदमपुर, बरवाला, हांसी, हिसार व उकलाना, जिला जींद में उचाना, जिला कैथल में कलायत, जिला महेंद्रगढ़ में नारनौल, जिला रोहतक में महम तथा जिला सिरसा में ऐलनाबाद, कालांवाली व सिरसा में खरीद केंद्र खोले गए हैं.
आज की बैठक में हरियाणा सरकार द्वारा लिए गए सभी फसलों की खरीद एमएसपी पर करने के निर्णय के अनुसार अन्य फसलों की खरीद के लिए भी एजेंसियां नामित की गईं. बैठक में निर्णय लिया गया कि सोयाबीन, मक्का और ज्वार की शत-प्रतिशत खरीद हैफेड द्वारा की जाएगी. इसके अलावा, अन्य फसलों की खरीद हैफेड और दूसरी खरीद एजेंसियों के माध्यम से 60:40 के अनुपात में की जाएगी.
बैठक में कृषि विभाग के निदेशक राजनारायण कौशिक, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक मुकुल कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. भारतीय कपास निगम के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया.
उधर, इस मुद्दे को लेकर हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने सैनी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले सैनी सरकार ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया था, लेकिन अब जब खरीफ फसलों की खरीद का प्रोगाम जारी हुआ है तो उसमें से कपास गायब है, जबकि हरियाणा में कपास की खेती होती है. विधायक ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि गरीब, अशिक्षित किसानों को तंग करने के लिए सरकार ने उन्हें पोर्टलों में उलझा रखा है.
उधर, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली ने कहा कि नायब सिंह सैनी सरकार ने सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद करने का एलान किया है तो उसे पूरा भी करेगी. हर फसल की खरीद की जाएगी. जेटली ने कहा कि कांग्रेस बताए कि वो कितनी फसलों को एमएसपी पर खरीदती थी.
कांग्रेस के जमाने में किसानों को न तो उनकी फसलों की एमएसपी मिलती थी और न ही उनकी फसलों के नुकसान का मुआवजा मिलता था. कांग्रेस के जमाने में किसानों को मुआवजे के तौर पर 2-2 रुपये का चेक मिलता था. सैनी सरकार ने सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदने का वादा किया है और उस वादे के अनुसार सभी फसलों को एमएसपी पर खरीदेगी.
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