गेहूं के साथ-साथ इस बार सरसों और चने की सरकारी खरीद ने भी जोर पकड़ लिया है. अब तक देश में 14,36,435 मीट्रिक टन चना खरीदा जा चुका है, जिसकी एमएसपी की रकम 7663 करोड़ रुपये हो चुकी है. रबी मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए तय की गई 5335 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी पर इसकी खरीद नाफेड पर कर रहा है. इसकी सरकारी खरीद के मामले में 5.59 लाख टन के साथ पहले नंबर पर महाराष्ट्र है, जबकि 4.13 लाख मीट्रिक टन के साथ दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है. दूसरी ओर, सरसों की तरह चना खरीदने के मामले में भी राजस्थान काफी पीछे है. यहां अब तक मुश्किल से 24 हजार मीट्रिक टन ही चना खरीदा जा सका है.
किसान नेता रामपाल जाट का कहना है कि राजस्थान में एमएसपी पर चना की खरीद बहुत सुस्त है. इसका फायदा व्यापारियों को मिल रहा है. किसानों को नई फसल की बुवाई और दूसरे कार्यों के लिए पैसे की जरूरत है. ऐसे में वो मजबूरी में एमएसपी से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल तक के कम दाम पर व्यापारियों को अपनी उपज बेच रहे हैं. अगर यहां एमएसपी पर चने की अच्छी खरीद हो रही होती तो किसानों को घाटा सहकर बिक्री नहीं करनी पड़ती.
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जाट ने बताया कि राजस्थान में इस साल 6,65,028 मीट्रिक टन चना खरीदने का लक्ष्य है. जिसमें से अब तक महज 23,942 मीट्रिक टन ही खरीदा गया है. यानी एक लाख टन भी नहीं. यह बहुत ही गंभीर बात है. इतनी मेहनत के बाद किसानों ने फसल तैयार की है और अब सरकार के लचर रवैये की वजह से उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. एमएसपी के बावजूद किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा. सूबे में 75181 किसानों ने चना बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. यहां पर फसल बिक्री के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना भी एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है. हम सरकार से मांग करते हैं कि किसानों के हित में चने की खरीद तेज की जाए.
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक रबी फसल सीजन 2022-23 के दौरान देश में 136.32 लाख मीट्रिक टन चना उत्पादन का अनुमान है, जो अब तक का रिकॉर्ड है. साल 2021-22 में 135.44 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था. यानी इस साल इस साल चने के उत्पादन में मामूली वृद्धि हुई है. हालांकि, दलहन के मामले में अब भी भारत दूसरे देशों पर निर्भर है. हम सालाना लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की दाल आयात कर रहे हैं. चने का दलहनी फसलों में अहम स्थान है. इसमें 40 परसेंट से ज्यादा इसी की हिस्सेदारी है.
राज्यवार सरकारी खरीद के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मध्य प्रदेश चने की सरकारी खरीद में पहले नंबर पर था. यह सबसे बड़ा चना उत्पादक है और यहां पर सबसे अधिक 8.02 लाख मीट्रिक टन चना खरीदा गया था. महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर था. यहां 7.60 लाख मीट्रिक टन चने की खरीद हुई थी. जबकि गुजरात में 5.59 लाख मीट्रिक टन और राजस्थान में 2.99 लाख मीट्रिक टन चना एमएसपी पर खरीदा गया था. दूसरी ओर, कर्नाटक में 74 हजार मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 72 हजार मीट्रिक टन और उत्तर प्रदेश में 26.45 हजार मीट्रिक टन चने की सरकारी खरीद हुई थी.
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